ग्वालियर : बांस की खेती पर हुई चर्चा

Update: 2020-07-08 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने राजमाता विजयाराजेविद्यालय के साथ जो एमओयू साइन किए थे अब उनके परिणाम आने लगे हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस. के. राव के नेतृत्व में व्यापार की नई संभावनाओं पर वेबिनार का आयोजन मंगलवार को किया गया, जिसमें बांस की खेती से लेकर बांस के द्वारा वेल्यूचेन में जो उत्पाद तैयार किए जाएंगे उस पर चर्चा हुई। कैट मध्यप्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने बताया कि इस ग्वालियर अंचल में बांस की खेती की काफी संभावनाएं हैं और भारत सरकार इस राष्ट्रीय बांस मिशन में 50 प्रतिशत तक जो भी लागत होगी उसकी सब्सिडी देने को तत्पर है।

नई व्यापारिक संभावनाओं में भी योगेश शिन्दे ने बताया कि हम सिर्फ बांस से अगरबत्ती की स्टिक बनाने तक ना सोचें बल्कि टूथपेस्ट का जो ब्रुश है वो बांस से बनाया जा रहा है और उन्होंने इसका प्रस्तुतिकरण भी दिया तथा बताया कि 18 देशों में इसका निर्यात हो रहा है। वेबीनार में आकाश अग्रवाल ने पूछा कि हम किस प्रकार इस से जुड सकते हैं, जवाब देते हुए मध्यप्रदेश के डायरेक्टर मिशन अभय कुमार पाटिल ने बताया कि खेती से लेकर बांस के स्टोरेज, मार्केटिंग, एन्कूवेशन सभी क्षेत्रों में आप 10 लाख से 2 करोड रुपए के प्रोजेक्ट लगा सकते हैं। इस पर 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी भारत सरकार द्वारा दी जा रही है। कैट और कृषि विश्वविद्यालय के एमओयू पर व्यापार की नई संभावनाएं तलाशने के लिए डॉ. एस.के. राव ने कहा कि हमारे एन्कूवेशन सेंटर में उद्यमी आमंत्रित हैं और हम उनकी मदद करके नए व्यापार स्थापित करने में सहयोग करेंगे। वेबिनार का संचालन डॉ. सुधीर सिंह भदौरिया एवं डॉ. अखिलेश सिंह ने किया। 

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