कोरोनों से हुई मौतों व संक्रमितों का आंकड़ा घटाने प्रशासन के दौहरे नियम
ग्वालियर, न.सं.। जिले में जहां कोरोना संक्रमितों के आंकड़ा बढऩे के साथ ही संक्रमण से होने वाली मृत्यु के भी आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन प्रशासन संक्रमितों व संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा घटाने के दोहरे नियमों लगाते हुए भोपाल भी गलत जानकारी भेज रहा है।
प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार जिले में वर्तमान में 0000 संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग की आंकड़ों में कोरोना संक्रमितों की संख्या 000 है। इसी तरह मरने वालों की संख्या 000 है। जबकि अभी तक 23 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। प्रशासन द्वारा मौतों व संक्रमितों के ऐसे मामले आंकड़ों में नहीं जोड़ जा रहा जो निवासी तो ग्वालियर के हैं, लेकिन जांच उन्होंने अन्य राज्यों या जिले में कराई है। ठीक उसी तरह दूसरे नियम में प्रशासन ऐसे संक्रमितों व संक्रमण से होने वाली मौतों को नहीं जोड़ रहा जो निवासी तो अन्य जिलों के हैं। लेकिन मौत उनकी जयारोग्य में उपचार के दौरान हुई है। प्रशासन के दोहरे निमयों को लेकर अब सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
कैस-1
दिल्ली में निकले संक्रमित, जयारोग्य में हुई मौत
एबी रोड माधवी नगर निवासी कोरोना संक्रमित राजकुमार उम्र 42 साल की मृत्यु 17 जून को सुपर स्पेशलिटी में हुई थी। संक्रमित को लिवर ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली गया था, जहां जांच में मृतक को कोरोना निकला तो अस्पताल प्रबंधन ने सर्जरी से इनकार कर दिया था। इस पर परिजनों ने जयारोग्य के सुपर स्पेशलिटी में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। इस मामले में प्रशासन का कहना था कि मृतक की जांच दिल्ली में हुई थी। इसलिए उसे दिल्ली में ही गिना जाएगा।
कैस-2
गाजीपुर निवासी संक्रमितों की जयारोग्य में हुई थी मौत
गाजीपुर उत्तरप्रदेश निवासी एक परिवार के 25 लोग एक ट्रक में सवार होकर गाजीपुर जा रहे थे। गुना में सड़क दुर्घटना में 3 की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि 15 घायलों को इलाज के लिए ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल भेजा गया था। जहां कोरोना संक्रमित सुरेन्द्र व उसकी बेटी ज्योति व बहन की मौत उपचार के दौरान हो गई थी। इस पर प्रशासन का कहना था कि संक्रमित बाहर के हैं। इसलिए उन्हें ग्वालियर में शामिल नहीं किया जाएगा।
संक्रमितों को भी नहीं कर रहे शामिल
विधायक प्रवीण पाठक ग्वालियर के निवासी हैं। लेकिन उन्होंने जांच भोपाल में कराई। इसलिए विधायक को कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में शामिल ही नहीं किया गया। इसी तरह दूसरे नियम के अनुसार पनिहार स्थित सीआरपीएफ के एक साथ 88 संक्रमित सामने आने के बाद प्रशासन ने उन्हें जिले के आंकड़ों में जोडऩे से इंकार कर दिया। जबकि पूर्व में सीआरपीएफ से निकले सभी जवानों को जिले के आंकड़ों में जोड़ा जा रहा था।