भारतीय प्रशासनिक सेवा के नये अधिकारियों को सरकार पढ़ायेगी वचन

Update: 2019-02-13 17:25 GMT

राजनीतिक संवाददाता भोपाल

विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की कमलनाथ सरकार द्वारा दिए गए वचन और इन्हें क्रियान्वित करने के लिए किए गए नवाचार देश के भारतीय प्रशासनिक सेवा के नये अधिकारियों को पढ़ाये जाएंगे। लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी ने राज्य सरकार से प्रदेश में सुशासन के लिए सर्विस डिलीवरी सिस्टम, योजना के क्रियान्वयन, नागरिकों के हित से जुड़ी पहल सहित अलग-अलग क्षेत्रों में हुए नवाचार की जानकारी मांगी है। इन नवाचारों से जुड़े अधिकारियों को अकादमी में बुलाकर इनके प्रेजेंटेशन कराए जाएंगे।

अकादमी इनमें से कुछ नवाचारों को अपने पाठ्यक्रम में भी शामिल कर सकती है। अकादमी के डायरेक्टर संजीव चौपड़ा ने हाल ही में इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव एसआर मोहंती को पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से अकादमी ने मध्यप्रदेश में हुए नवाचारों की विस्तृत जानकारी मांगी है। इस जानकारी के साथ ही इन नवाचारों से जुड़े अधिकारियों का ब्योरा भी मांगा गया है। अकादमी इन अधिकारियों को आमंत्रित कर इनके प्रेजेंटेशन और लेक्चर सिविल सेवा के लिए चयनित होने वाले प्रशिक्षार्थियों के बीच कराएगी। अकादमी का पत्र मिलने के बाद मुख्य सचिव ने इसे सभी विभागों को भेज दिया है। सभी विभागों से कहा गया है कि वे मध्यप्रदेश के नवाचारों की जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से अकादमी को भेजें।

पूरे हुए वचन की जानकारी भेजी जाएगी

सूत्रों के अनुसार प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कमलनाथ सरकार द्वारा पिछले दो महीने में जनता के हित में लिए गए फैसले और इनके क्रियान्वयन के लिए बनाए गए रोडमैप की जानकारी अकादमी को भेजी जा रही है। इसमें किसानो की कर्जमाफी से लेकर युवाओं को 100 दिन का काम देने के लिए युवा स्वाभिमान योजना जैसी पहल की जानकारी अकादमी को भेजी जाएगी। इसके अलावा किसानों को पेंशन, अध्यात्म विभाग का गठन जैसे नवाचारों की जानकारी भी अकादमी को भेजने पर विचार किया जा रहा है।

अकादमी है बेहतर मंच

अकादमी की यह कोशिश होती है कि वह राज्यों में हुए नवाचारों और प्रशासन की बेस्ट प्रैक्टिसेस को प्रदर्शित करे और इन्हें अपने पाठ्यक्रम में शामिल करे, ताकि बेहतर सिविल सेवक तैयार किए जा सकें, इसलिए राज्यों में हुए बेहतर कामकाज खासकर सर्विस डिलेवरी सिस्टम से जुड़ीं पहल और इनके नतीजों को नजीर के तौर पर पेश किया जा सके। अकादमी ने अपने पत्र में यह भी कहा कि ऐसे नवाचारों और पहल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित कर पहचान दिलाने के लिए अकादमी एक बेहतर प्लेटफॉर्म है।

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