MP: सामने आए कांग्रेस के 22 बागी, कमलनाथ पर उठाए सवाल

Update: 2020-03-17 05:13 GMT

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों ने मंगलवार को बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। विधायक गोविंद सिह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कभी हमारी 15 मिनट भी नहीं सुनी तो अपने क्षेत्र के विकास की बात किसके सामने रखें। वहीं, बागी विधायकों ने कहा कि वे जल्द ही बीजेपी में शामिल होने पर विचार करेंगे।

बागी विधायक इमरती देवी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ही हमारे नेता हैं। उन्होंने हमें बहुत कुछ सिखाया है। चाहे कुएं में कूदना पड़े लेकिन हम उनके साथ ही रहेंगे। एक अन्य विधायक ने कमलनाथ पर वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार बनने के समय कमलनाथ ने वादा किया था कि जिस आदिवासी लड़की की शादी होगी, उसे 51 हजार रुपये दिए जाएंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

एक अन्य विधायक ने कहा, 'हम सभी ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी। हमने उनसे कहा था कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। राहुल गांधी ने हमें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था। बीजेपी में शामिल हो चुके बिसाहू लाल ने कहा कि जब हम राहुल गांधी से मिले तो उन्होंने मुझसे कहा कि तुम्हारे साथ अन्याय हुआ है। जब बागी विधायकों से पूछा गया कि क्या वे उप-चुनाव के लिए तैयार हैं, तो सभी ने कहा कि वे किसी भी तरह के चुनाव के लिए तैयार हैं।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देश के बावजूद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के बहुमत परीक्षण के लिए तैयार न होने से भाजपा ने आगे की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी ने शीर्ष अदालत में गुहार लगाई ही है, साथ ही वह विधायकों को एकजुट रखने के लिए भी पूरी तरह सतर्कता बरत रही है। पार्टी में बैठकों का दौर जारी है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे (छह के मंजूर) के बाद कमलनाथ सरकार के अल्पमत को लेकर भाजपा के दावों के बाद राज्यपाल ने अब मंगलवार को सरकार से विश्वास मत हासिल करने को कहा है। इस बीच भाजपा ने राजभवन में अपने विधायकों की परेड कराने के साथ शीर्ष अदालत में भी दस्तक दे दी है। इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

सोमवार को सुबह से देर रात तक भोपाल से लेकर दिल्ली तक भाजपा खेमे में गहमागहमी बनी रही। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि कांग्रेस के मंसूबों को देखते हुए पहले से ही इस बात की आशंका थी कि विधानसभा में इस तरह की स्थिति बन सकती है। ऐसे में दूसरी रणनीति भी तैयार कर ली गई थी। 

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