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सुषमा स्वराज का एलान, अब कभी नहीं लड़ेंगी लोकसभा चुनाव

Update: 2018-11-20 16:15 GMT

इंदौर। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आने वाले 2019 लोकसभा चुनाव में खड़ी नहीं होंगी। इतना ही नहीं वे भविष्य में भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। ये एलान उन्होंने इंदौर में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किया। स्वराज ने कहा कि ये फैसला उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के चलते लिया है। अब उनका स्वास्थ्य उन्हें लोकसभा चुनाव और उसके बाद की जिम्मेदारियों के निवर्हन की इजाजत नहीं देता। वैसे स्वराज ने स्पष्ट्र किया कि ये उनका फैसला है, बावजूद इसके वे पार्टी के आदेश को हमेशा की तरह पालन करेंगी।

इंदौर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रेडीसन होटल में आयोजित पत्रकार-वार्ता में चर्चा करते हुए कांग्रेस के वचन पत्र को सब्जबाग बताते हुए कहा कि अब कांग्रेस नेतृत्व को भी भरोसा और इस बात का विश्वास हो गया है कि उनकी सरकार नहीं बनने वाली है। इसीलिये उनके वचन पत्र में महिलाओं, किसानों, और बैरोजगार से संबंधित ऐसे वादे किये गये जिसे, पूरा करना संभव प्रतीत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता मध्यप्रदेश में हुए चहुमुंखी विकास और शिवराज सिंह चौहान के कामों के आधार पर ही भाजपा को वोट देगी।

सत्ता विरोधी लहर को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने जनता से किये गये वादों कार्यक्रमों में परिवर्तित किया गया। राजनैतिक समीक्षक आमतौर पर पूछते है कि प्रदेश में आपकी सरकार काम तो अच्छा कर रही है, सत्ता विरोधी लहर क्यों आई है। उन्होंने कहा सत्ता विरोधी लहर नही है। क्योंकि सत्ता विरोधी का कोई कारण नहीं है। पहला कारण आपके नेता में कमी, दूसरा कारण होता है, आपकी नीतियां जनता को परेशानी करने वाली हो, तीसरा कारण होता है यदि आप अपने वादों को कार्यक्रम में परिविर्तत नहीं कर पाये, चौथा कारण होता है कि अगर होता है कि यदि आपके सामने का विकल्प आप से बेहतर हो। इन सभी कारणों में ऐसा कोई कारण नहीं है जो कि सत्ता विरोधी लहर बना सकें। उन्होंने कहा कि मैंने राजनैतिक समीक्षकों इन चारों कसोटियों पर केन्द्र सरकार को और राज्य सरकार को तोलने के लिये कहा और फिर बताये कि मध्यप्रदेश में सत्ता विरोधी लहर है।

जहां तक नेता की लोकप्रियता का सवाल है कि मैं पूरी जिम्मेदारी से कहूंगी कि शिवराज की लोकप्रियता घटने की बजाये, पहले से ज्यादा बढ़ी है। शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा में सबने प्रत्यक्ष देखा होगा कि घण्टों-घण्टों लोग उनकी प्रतिक्षा करते रहे, मूसलधार बारिश के बाद भी उनका अभिवादन करते रहे, ऐसा भाव अलोकप्रिय नेता के लिये पैदा नहीं होता, बल्कि ऐसा भाव उस नेता के लिए होता है जिसके प्रति मन में आदर का भाव होता है। शिवराज सिंह चौहान के लिये जनता में आदर का भाव देखा गया है। भाजपा सरकार के द्वारा जितनी भी जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई सभी का फायदा जनता को पूरा-पूरा मिला। उदाहरण के तौर पर एक संबल योजना की घोषणा की गई, जिसका नाम ही संबल नहीं है, बल्कि उस संबल योजना के द्वारा जितने भी कार्यक्रम तय किये गये उसमें जन्म से लेकर मृत्य तक अपने प्रदेश के नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार ने ली है, शायद ही मध्यप्रदेश में कोई ऐसा परिवार बचेगा, जिसे इस योजना का संबल नहीं मिला हो।

उन्होंने कहा कि जहां तक नेता की विश्वनीयता का प्रश्न है कि तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गिनती विश्व के चंद नेताओं में होती है। अगर आपको विदेश जाने का मौका मिले तो आप खुद इस तथ्य को जान जाएंगें। आज से पहले विदेश में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा विदेश मंत्रालय की प्राथमिकता में नहीं था। हमारी सरकार आने के बाद विदेश में रह रहे भारतीयों की परेशानियों को प्राथमिकता से हल किया गया। हमारी सरकार उनकी परेशानी दूर करने में लगी है बजाए उनकी समस्यां बढ़ाने में। जहां तक सवाल है जनकल्याणकारी योजनाओं का हमारी सरकार ने उज्जवला योजना में साढ़े पांच करोड कनेक्शन दिए गए, प्रधानमंत्री आवास योजना में सवा करोड आवास बनाए गए। विपक्ष को यह नहीं मालूम है कि उनके कथित तौर पर बनाये गये महागंठबंधन का नेता कौन होगा। मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश की जनता शिवराजसिंह चौहान को चौथी बार सरकार बनाने का अवसर देगी और केन्द्र में भी भाजपा की सरकार बनेगी। 

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