SwadeshSwadesh

रोहिंग्या शरणार्थियों ने भारत सरकार से की अपील, म्यांमार पर वापसी के लिए बनाए दबाव

Update: 2018-10-22 13:37 GMT

हैदराबाद। हैदराबाद में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों ने भारत सरकार से उनकी सुरक्षित म्यांमार वापसी के लिए म्यांमार सरकार पर अनुकूल हालात तैयार करने का दबाव बनाने की अपील की है। भारत द्वारा उन्हें निर्वासित किए जाने की खबरों से चिंतित शरणार्थियों का कहना है कि एक बार सुरक्षा को लेकर आश्वस्त होने पर वे खुद ही वापस लौट जाएंगे। वे यह भी चाहते हैं कि म्यांमार उन्हें नागरिकता प्रदान करे और उनकी जमीन लौटाए।

इस महीने की शुरुआत में सात रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजे जाने से पूरे भारत में रोहिंग्या शरणार्थी चिंतित हैं। अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने के लिए 2012 से असम जेल में बंद सात रोहिंग्याओं को म्यांमार सरकार को सौंप दिया गया था। सरकार को इन्हें निर्वासित करने से रोकने के लिए दाखिल याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद इन्हें म्यांमार को सौंप दिया गया।

शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने इस पर भारत को याद दिलाया था कि अंतर्राष्ट्रीय कानून राष्ट्रों को शरणार्थियों को उनके देशों में वापस भेजने से रोकते हैं जहां उनके लिए खतरा अभी बना हुआ हो। यूएनएचसीआर में पंजीकृत करीब 18 हजार रोहिंग्या शरणार्थी भारत में रह रहे हैं। इनमें से चार हजार हैदराबाद में रह रहे हैं।

इतने वर्षों तक उन्हें रहने की इजाजत देने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए शरणार्थियों ने सरकार से उन्हें वापस नहीं भेजने की अपील की है क्योंकि म्यांमार में अभी भी उन्हें अपनी जान का खतरा है। शरणार्थी सुल्तान महमूद ने कहा कि हमें वापस मत भेजिए। इसके बजाए हमें यहां बम से मार दीजिए। कम से कम हमें यहां कब्र तो नसीब होगी। हमें वहां दफनाया तक नहीं जाएगा। उन्होंने म्यांमार के रखाइन राज्य में अत्याचारों से बचकर यहां पहुंचने तक के सफर को फिर से याद किया।

Similar News