नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर हुए आंदोलनों में हुई हिंसा में पीएफआई का नाम सामने आने के बाद केन्द्र सरकार भी सतर्क हो गई है और इस संगठन पर कड़ी कार्रवाई करने का मन बना रही है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक कट्टरवादी इस्लामिक संगठन है। इसको लेकर कुछ सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। इस संगठन के इस्लामी स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) और स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के साथ संपर्क हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश की है। वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीएफआई से जुड़े 25 लोगों को गिरफ्तार किया है।
केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिंसा में पीएफआई की भूमिका सामने आ रही है। गृह मंत्रालय सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा। इस संगठन पर स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया से संबंध सहित कई आरोप हैं।
उल्लेखनीय है कि मई 2019 में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पीएफआई के ऑफिसों पर छापे मारे थे। शक था कि इसके सदस्यों के तार ईस्टर के मौके पर श्रीलंका में हुए बम ब्लास्ट से जुड़े हैं। वहीं 2017 में केरल की पुलिस ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को लव जिहाद के 94 मामले सौंपे थे। बताया जाता है कि लव जिहाद के इन मामलों के पीछे पीएफआई के 4 सदस्यों का हाथ था।