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प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन पर विश्व को उठो, जागो और प्रयास करो का मंत्र दिया

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने ‘भारत-अमेरिका स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा-2030 साझेदारी’ की घोषणा की।

Update: 2021-04-22 13:50 GMT

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मिलकर 'भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा-2030 साझेदारी' की घोषणा की। साझेदारी के तहत दोनों देश जलवायु परिवर्तन के संकट का सामना करने के लिए निवेश प्रोत्साहन और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी के लिए काम करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की पहल पर आयोजित जलवायु परिवर्तन शिखर वार्ता में इस साझेदारी की शुरुआत की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने विश्व बिरादरी का आह्वान किया कि वह जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने के लिए ठोस उपाय करें। उन्होंने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि हमारे प्रयास विश्व स्तर पर बड़े पैमाने व तेज गति वाले होने चाहिए। इस दिशा भारत अपनी भूमिका निभा रहा है। मोदी ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद के उद्बोधन "उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत" का उल्लेख किया। अर्थात उठो, जागो और जब तक लक्ष्य हासिल न हो तब तक प्रयास करते रहो।

हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकी -

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु के प्रति अपनी जिम्मेदार रवैए के आधार पर भारत अपने यहां सतत विकास का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी देशों से सहयोग का आह्वान करता है। भारत के सतत विकास से अन्य विकासशील देशों को भी मदद मिलेगी। उन देशों को भी हरित और स्वच्छ प्रौद्योगिकी के साथ वित्तीय मदद हासिल होगी। जलवायु परिवर्तन के संबंध में भारत के प्रयासों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन फूटप्रिंट दुनिया के औसत से साठ प्रतिशत से कम है। इसका कारण यह है कि भारत में जीवन शैली परंपरागत तौर पर प्रकृति अनुकूल है।

 जलवायु परिवर्तन की समस्या -

विश्वव्यापी कोरोना महामारी संकट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उसने जलवायु परिवर्तन की समस्या के बारे में दुनिया का ध्यान नए सिरे से अपनी ओर खिंचा है। जलवायु परिवर्तन दुनिया के करोड़ों लोगों के लिए एक जीती जागती हकीकत है। लोगों का जीवन और आजीविका जलवायु परिवर्तन के बुरे असर से प्रभावित होने लगी है। कोरोना महामारी से दुनिया आज जूझ रही है तथा इससे हमें यह भी सबक मिला है कि जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्या हमारे सामने से ओझल नहीं हुई है। 

ऊर्जा का समुचित इस्तेमाल -

भारत के प्रयासों के बारे में मोदी ने कहा कि हमने अपने सामने वर्ष 2030 तक 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य सामने रखा है। विकास संबंधी अनेक चुनौतियों के बावजूद भारत ने स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा का समुचित इस्तेमाल, वृक्षारोपण और जैव विविधता के लिए साहसिक कदम उठाए हैं।इस शिखर वार्ता को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सहित अनेक विश्व नेताओं ने संबोधित किया।

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