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अब दुश्मनों के परखच्चे उड़ाएगा K-4 मिसाइल, सफल हुई टेस्टिंग

Update: 2019-11-06 10:22 GMT

नई दिल्ली। भारत एक और ऐसी परमाणु मिसाइल का परीक्षण करने वाला है, जिससे दुश्मनों की नींद उड़ने वाला है। पनडुब्बियों से दुश्मन के टारगेट्स को मार गिराने की अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए भारत शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के तट से पानी के नीचे से 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली के-4 परमाणु मिसाइल का परीक्षण करने की योजना बना रहा है।

इस परमाणु मिसाइल प्रणाली को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया जा रहा है, जो अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों के लिए है। जो कि भारत द्वारा बनाया जा रहा है। यह पनडुब्बियां भारत के परमाणु परीक्षण का मुख्य आधार होंगी।

सरकारी सूत्रों की मानें तो योजना के मुताबिक, डीआरडीओ शुक्रवार को विशाखापट्टनम तट से पानी के नीचे से के-4 परमाणु मिसाइल का परीक्षण करेगा। इस ट्रायल के दौरान डीआरडीओ मिसाइल प्रणाली में उन्नत प्रणालियों का परीक्षण करेगा।

के-4 पानी के अंदर चलाई जाने वाली ऐसी दो मिसाइलों में से एक है, जिन्हें विकसित किया जा रहा है। दूसरी मिसाइल का नाम बीओ-5 है, जिसकी मारक क्षमता करीब 700 किलोमीटर है। हालांकि, यह अब तक स्पष्ट नहीं है कि डीआरडीओ मिसाइल का परीक्षण लंबी दूरी पर करेगा या छोटी दूरी पर।

हालांकि, भारत द्वारा इस मिसाइल परीक्षण के लिए समुद्री चेतावनी और नोटम (नोटिस टू एयरमैन) पहले ही जारी किया जा चुका है। के-4 मिसाइल परीक्षण की योजना पिछले महीने बनाई गई थी, मगर इसे फिर स्थगित कर दिया गया था। आने वाले हफ्तों में डीआरडीओ की योजना है कि वह अग्नि-3 और ब्रह्मोस मिसाइलों का भी परीक्षण करे।

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