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मिशन : चंद्रयान-2 को मिली बड़ी सफलता, ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम को किया अलग

Update: 2019-09-02 08:37 GMT

नई दिल्ली। चंद्रयान-2 रविवार शाम 6:21 बजे चांद की पांचवीं कक्षा में पहुंच गया। चांद से यान की दूरी अब महज 109 से 120 किलोमीटर रह गई है। इसरो ने रविवार को कहा कि उसने चंद्रयान-2 को चंद्रमा की पांचवीं एवं अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कराया। अब चंद्रयान-2 मिशन के लिए बड़ी कामयाबी, आर्बिटर से अलग हुआ लैंडर विक्रम। चंद्रयान-2 सात सितंबर को चांद पर लैंड करेगा। दो सितंबर की दोपहर 12:45 से 13:45 बजे के बीच चंद्रयान के ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम को अलग किया जाएगा। इसकी सफलता के बाद कुछ और चरण पूरे किए जाएंगे।

सात सितंबर को चांद पर उतरेगा चंद्रयान

03 सितंबर को तीन सेकंड के लिए यान का स्थान बदलेगा

07 सितंबर को रात 1.55 बजे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग

एक सेकंड से भी कम समय में विक्रम ऑर्बिटर से अलग हो गया। इसरो चेयरमैन के शिवन ने बताया कि यह तेज गति से अलग होगा जैसे कोई उपग्रह लॉंच किया गया हो।

चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। अभी तक कोई भी देश यहां तक नहीं पहुंचा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा पांच साल बाद यहां अपने अंतरिक्ष यात्री उतारने की योजना बना रहा है।

चंद्रयान-2 की लैंडिंग पर पूरी दुनिया की नजर है। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री डोनाल्ड ए थॉमस ने रविवार को कहा कि पूरी दुनिया इसे टकटकी लगाए देख रही है। हम चंद्रमा के भूमध्य रेखा के पास उतर चुके हैं, लेकिन दक्षिण ध्रुव पर कभी नहीं गए। यह हमारे लिए बेहद खास है, क्योंकि यहां बर्फ मिलने की उम्मीद है। बर्फ मिली तो पानी व उससे ऑक्सीजन मिल मिलने की संभावना है। 

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