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पर्यावरण: पृथ्वी का तापमान बढ़ने से होगा 14 हजार अरब डॉलर का नुकसान

बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए विश्व को सालाना 14 हजार अरब डॉलर का नुकसान होगा

Update: 2018-07-05 06:35 GMT

नई दिल्ली। एक नए शोध में सामने आया है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय पृथ्वी के तापमान में वृद्धि की 2 डिग्री सेल्सियस की सीमा लांघने पर विश्व को आर्थिक नुकसान के रुप में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। शोध के अनुसार बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए विश्व को सालाना 14 हजार अरब डॉलर का नुकसान होगा।

ब्रिटेन के नेशनल ओशनोग्राफी सेंटर (एनओसी) की ओर से कराए गए इस शोध में सामने आया है कि तापमान बढ़ने से सन् 2100 तक विश्व में बाढ़ आने के घटनाक्रम में तेजी से इजाफा होगा। इससे देशों को राहत व बचाव कार्यों के लिए करोड़ो रुपये खर्चने होंगे। शोध के अनुसार उच्च मध्य आयवर्ग के देशों जैसे चीन को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। वहीं उच्च आय वाले देशों में बेहतर तटीये ढांचागत सुविधाओं के चलते कम नुकसान होगा।

अध्य्यन के प्रमुख लेखक डॉ स्वेतलाना जेव्रेजेवा का कहना है कि दुनिया की 60 करोड़ आबादी संमुद्र तल से महज 10 मीटर से भी कम उंचाई वाले तटीय क्षेत्रों में रहती है। विश्व के तापमान के बढ़ने से समुंद्र अपनी सीमाओं का विस्तार करेगा। समुंद्र स्तर में वृद्धि सबसे बड़ी चिंता का विषय है। शोध में तापमान के 2 डिग्री से 1.5 डिग्री के बीच रहने की स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट नहीं किया गया है। 

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