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जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने किया झूठ का पर्दाफाश, ईरानी बोलीं - वाम मंसूबे बेनकाब हुए

Update: 2020-01-10 13:46 GMT

नई दिल्ली। जेएनयू में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष सहित परिसर में हमला करने वाले नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी कर दी है। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी संदिग्धों की तस्वीर पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और स्मृति ईरानी का बयान सामने आया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पुलिस सच्चाई को सामने लाई, यह स्पष्ट है कि वामपंथी छात्र संगठन हमले में शामिल थे।

जावड़ेकर ने कहा कि जानबूझकर इसका दोष एबीवीपी, बीजेपी और अन्य पर मढ़ा जा रहा था, जो कि सच नहीं था। जावड़ेकर ने कहा कि भाकपा, माकपा, आप जैसे दलों को लोकसभा चुनाव में खारिज कर दिया गया, अब वे अपने निहित स्वार्थों के लिए छात्रों का उपयोग कर रहे हैं। जेएनयू के छात्रों को अपना आंदोलन समाप्त कर शैक्षणिक सत्र शुरू होने देना चाहिए वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा साक्ष्य जारी किए जाने के बाद जेएनयू में वाम मंसूबे बेनकाब हुए, वाम दल राजनीतिक लड़ाई के मैदान के रूप में परिसर का उपयोग कर रहे हैं।

बता दें कि में हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की और दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष उनमें से एक थीं। पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं जबकि दो दक्षिणपंथी छात्र संगठन से जुड़े हैं। मामले की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के उपायुक्त जॉय तिर्की ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक जनवरी से पांच जनवरी के बीच काफी संख्या में छात्र शीतकालीन सेमेस्टर में पंजीकरण कराना चाहते थे लेकिन वामपंथी झुकाव वाले संगठन उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहे थे।

डीसीपी ने पांच जनवरी को हुए हमले के सिलसिले में कहा कि विश्वविद्यालय के पेरियार छात्रावास के कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया। हमले में घायल हुईं घोष ने हालांकि आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। 

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