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दल बदलकर लोकतंत्र का मखौल बना रहे राजनेता : उपराष्ट्रपति

Update: 2019-04-30 15:01 GMT

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को सार्वजनिक जीवन में घटते मूल्यों और चुनावी सरगर्मी के बीच बड़ी संख्या में दल बदलने की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी बदलना एक फैशन बन गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके राजनेता असल में लोकतंत्र का माखौल बना रहे हैं।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने मंगलवार को डॉ भीम राव अंबेडकर कन्वेंशन सेंटर में शिक्षा, उद्यमिता और नैतिकता पर प्रथम डॉ राजाराम जयपुरिया मेमोरियल लेक्चर को संबोधित करते हुए सार्वजनिक जीवन में जाति और धन की बढ़ती भूमिका पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने मीडिया से खासकर चुनावों के दौरान जाति और सामुदायिक मानदंडों के आधार पर कवरेज से बचने की सलाह दी। उन्होंने मीडिया द्वारा निर्वाचन क्षेत्रों के जातीय समीरकणों को बढ़-चढ़कर दिखाए जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया को जनप्रतिनिधियों के कामकाज पर सवाल करना चाहिए। उन्होंने जनता को चरित्र, कैलिबर, क्षमता और आचरण जैसे चार 'सी' के आधार पर अपने जन-प्रतिनिधियों को चुनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इन चार 'सी' को कुछ लोगों द्वारा चार अन्य सी- जाति, कैश, क्रिमिनलिटी और समुदाय में बदल दिया है।

नायडू ने शैक्षिक संस्थानों से कौशल-साक्षरता पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत का जनसांख्यिकीय आधिक्य जनसांख्यिकीय विकास में बदल सकता है यदि कौशल विकास, ज्ञान और कौशल के निरंतर उन्नयन पर ध्यान केंद्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि जिन आदर्शों और मूल्यों का डॉ राजाराम जयपुरिया ने आजन्म पालन किया, उनके उत्तराधिकारियों ने दर्शाया भी कि उन मूल्यों का संवर्धन किया जा रहा है।

डॉ राजाराम जयपुरिया जी प्रख्यात उद्योगपति होने के साथ एक विचारक शिक्षाविद् भी थे। उन्होंने स्वाधीनता पूर्व के मानवतावादी भारतीय उद्योगपतियों की उस परंपरा का नि:स्वार्थ भाव से पालन किया, जिसके तहत वे समाज सेवा के भाव से शिक्षा संस्थानों, मंदिर, धर्मशालाओं का निर्माण कराते थे। उन्होंने पूर्व और पश्चिम के मूल्यों और वैज्ञानिक प्रगति को अपने शिक्षा संस्थानों के शैक्षणिक पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति में जोड़ा।

इस अवसर पर जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन शिशिर जयपुरिया, जयपुरिया ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के डायरेक्टर एस.के. महापात्रा और बिजनेस समुदाय के कई प्रमुख सदस्य और शिक्षाविद् उपस्थित रहे।

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