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आयकर विभाग की छापेमारी पर कांग्रेस-जेडीएस का प्रदर्शन 'संघवाद' के खिलाफ : जेटली

Update: 2019-03-30 16:08 GMT

नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला गठबंधन एक तरफ 'संघवाद' की वकालत करता है, वहीं दूसरी ओर मौका मिलते ही उसे खत्म करने का प्रयास करता है। इसका ताजा उदाहरण है बेंगलुरु में ठेकेदारों और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के आवासों पर आयकर विभाग की छापेमारी है जिसके खिलाफ राज्य के कांग्रेस-जनता दल(सेक्युलर) गठबंधन ने मिलकर प्रदर्शन किया है। विरोध में धरने पर बैठने वालों में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उसके मंत्री भी शामिल थे।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को ब्लॉग लिखकर कहा कि संविधान आधारित संघवाद भारत को 'राज्यों के संघ' के रूप में जोड़ता है। संघ के अधिकार समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। अगर राज्य संघ के कार्यों में अड़ंगा डालेंगे तो वह संघीय मानदंडों को तोड़ने के दोषी होंगे। क्या राज्यों का रवैया संघवाद के लिए खतरा नहीं है?

जेटली ने कहा कि कांग्रेस की नीति हमेशा सरकारी धन को ठेकेदारों और लाभार्थियों के जरिए खुद का घर भरने की रही है। इसी तरह के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के चलते कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर ने आयकर विभाग के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया है।

जेटली ने कहा कि आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी नेता, मंत्री व सांसद के घर पर राजनीतिक द्वेष के चलते कोई छापेमारी नहीं हुई है। ऐसे में विपक्ष हो-हल्ला मचाकर यही दर्शा रहा है कि वह भ्रष्टाचार पर नकेल कसे जाने से दुखी है।

वित्तमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस की अलग-अलग प्रतिक्रिया संदेह पैदा करती है। क्या मंत्री के भतीजे को एक पीडब्ल्यूडी ठेका मिला था, जिससे यह भाई-भतीजावाद का मामला बनता है। विरोध में शामिल होने वाले मुख्यमंत्री और मंत्रियों को इन सवालों के जवाब देना चाहिए।

पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में केन्द्रीय जांच एजेंसियों के कामकाज में बाधा डालने का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि राज्य पुलिस इन अधिकारियों को सुरक्षा प्रदान करने से इनकार करती है। जांच एजेंसियों को केन्द्रीय पुलिस बल का सहारा लेना पड़ता है। इन राज्यों की सरकारों का रवैया संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है। 

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