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लोकसभा चुनाव : भाजपा ने शुरू किया "मिशन 123"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे 20 राज्यों का दौरा

Update: 2019-01-02 07:56 GMT
File Photo

नई दिल्ली, ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी तीन हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सत्ता गंवाने के बाद अब उस मायूसी से उबरने की कोशिश में जुट गई है। पार्टी ने अब लोकसभा चुनाव में नए क्षेत्रों को जीतने की रणनीति बनाई है। इसके लिए "मिशन-123" शुरू किया गया है। इसके तहत पार्टी ने तटीय राज्यों की 117 में से 119 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत सालभर से इन राज्यों में गतिविधियां दो सौ प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र और कर्नाटक को तटीय राज्यों की श्रेणी से अलग रखा है। तमिलनाडु-पुड्डुचेरी की 40, केरल की 20, पश्चिम बंगाल की 42 और ओडिशा की 21 सीटें ही उनके लक्ष्य में शामिल हैं। इन सीटों का जोड़ 123 है। इसमें से 117-119 सीट जीतने का लक्ष्य है। जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले 100 दिनों में भाजपा कार्यकर्ताओं को "सक्रिय" करने के लिए लगभग 20 राज्यों का दौरा करेंगे और मतदाताओं से समर्थन मांगेंगे। इनमें पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा जैसे राज्य शामिल हैं, जहां लोकसभा की 77 सीटें हैं।

असम और ओडिशा में रैलियां

इस मिशन के तहत प्रधानमंत्री मोदी के अधिकांश कार्यक्रम सरकारी या सार्वजनिक होंगे। पिछले सप्ताह "मिशन 123" की झलक तब देखने को मिली जब 24 दिसंबर को प्रधानमंत्री ओडिशा में भुवनेश्वर में एक नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिसर का उद्घाटन करने के लिए थे, और फिर खुर्दा में एक रैली की। उनका अगला पड़ाव 25 दिसंबर को असम में ब्रम्हपुत्र नदी पर भारत के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन करना था। 4 जनवरी को, प्रधानमंत्री असम के सिलचर जाएंगे, जहां बीजेपी ने लोकसभा की 14 में से 11 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. मोदी 5 जनवरी को ओडिशा में वापस आएंगे। जहां वे मयूरभंज में एक रैली करेंगे और 15 जनवरी को एक और बैठक के लिए राज्य में लौटने की संभावना है।

इनको दी जिम्मेदारी

ओडिशा में धर्मेंद्र प्रधान को जिम्मेदारी सौंपी है। अरुण सिंह और जोएल ओराम उनके साथ रहेंगे। वहीं, पश्चिम बंगाल में कैलाश विजयवर्गीय, रूपा गांगुली, हेमंत विश्वसरमा को जिम्मा सौंपा है। केरल में एम राव, एस गुरुमूर्ति, राजगोपाल को जिम्मेदारी दी है। तमिलनाडु में सीटी रवि, एस गुरुमूर्ति और एम राव को जिम्मेदारी दी है। यहां राजनीतिक हलचल की निगरानी के लिए विशेष कक्ष स्थापित किया है।

15 हजार नेताओं की बैठक

इसके साथ ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह हर बूथ पर एक टीम को सक्रिय करके बूथ-स्तर की योजना को सुव्यवस्थित करने पर काम करेंगे। जिससे सरकार की योजनाओं के 22 करोड़ से अधिक लाभार्थियों तक पहुंचा जा सके। शाह 11 और 12 जनवरी को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लगभग 15,000 नेताओं को संबोधित करेंगे। यह पहली बार है जब पार्टी इतने बड़े पैमाने पर अपनी परिषद की बैठक आयोजित कर रही है, जिसमें जिला-स्तरीय कार्यकर्ता भी आमंत्रित हैं।

मोर्चों को दिया टारगेट

पार्टी के दूसरे महासचिव ने कहा कि भाजपा के सात अलग-अलग विशिष्ट मोर्चों को महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और युवाओं जैसे मतदाताओं के बीच पहुंचने का टास्क सौंपा गया है। दिसंबर और मार्च के बीच इन सभी मोर्चों ने आउटरीच योजना को कारगर बनाने के लिए सम्मेलन आयोजित किए हैं। हर मोर्चे को एक विशिष्ट लक्ष्य दिया गया है।

पहला वोट मोदी

इसके अलावा "पहला वोट मोदी" (मोदी को पहला वोट) अभियान चलाकर पहली बार के मतदाताओं से एक प्रतिज्ञा ली जाएगी कि वे पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग मोदी के लिए करेंगे। यह भी 12 जनवरी से ही शुरू होगा। इसके लिए 16 से 22 जनवरी के बीच देश के कई हिस्सों में टाउन हॉल कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।

नेशन विद नमो

उदाहरण के लिए महासचिव ने समझाया, पूनम महाजन के नेतृत्व वाली भाजपा की युवा शाखा को पहली बार मतदाताओं से समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से 14-सूत्रीय कार्यक्रम दिया गया है। 12 जनवरी से "नेशन विद नमो" शुरू किया जाएगा, जिसके तहत स्वयंसेवकों नेटवर्क तैयार होगा, जो युवा मतदाताओं की एक टीम को खड़ा करेगा। युवा आइकन, जिनमें उद्यमी या किसान शामिल हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र में बदलाव लाया है, उन्हें देशभर में चिन्हित किया जाएगा और 2019 के चुनाव में मोदी का समर्थन करने के लिए कहा जाएगा।

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