सरकार के खिलाफ 4 साल के बाद पहला अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार, सरकार चर्चा के लिए हुई तैयार
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के खिलाफ पिछले 4 साल के बाद लाया गया पहला अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया। बुधवार को लोकसभा में तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी) ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने को लेकर यह प्रस्ताव दिया जिसे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में भारी हंगामे के बावजूद स्वीकार कर लिया।
हालांकि अभी प्रस्ताव पर चर्चा के लिए समय और तारीख नहीं तय की गई है। इसके लिए बुधवार शाम को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में समय और तारीख तय की जाएगी। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि सरकार किसी भी तरह के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने को तैयार है। उल्लेखनीय है कि टीडीपी ने पहले ही यह घोषणा कर रखी थी कि विपक्षी दलों से मिलकर वह बुधवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी। प्रस्ताव को कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया है।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के पास आया जिसे उन्होंने मंजूर कर लिया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी और टीडीपी के सांसदों ने लोकसभा के वेल में पहुंचकर माब लिंचिंग समेत कई मुद्दों पर अपना विरोध दर्ज कराया और जमकर नारेबाजी की। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर राज्यसभा में टीडीपी के सांसदों के हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है।