Ghulam Nabi Azad: गुलाम नबी आज़ाद की पार्टी को बड़ा नुकसान, दो पूर्व मंत्री कांग्रेस में शामिल
Ghulam Nabi Azad: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा हलचल देखने को मिल रहा है।
Ghulam Nabi Azad: जम्मू-कश्मीर की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने गुलाम नबी आज़ाद को बड़ा झटका देते हुए उनके करीबी माने जाने वाले दो दिग्गज नेताओं ताज मोहिउद्दीन और गुलाम मोहम्मद सरूरी को फिर से अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। दोनों नेता शुक्रवार 27 जून को श्रीनगर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में वापस लौटे। गौरतलब है कि ताज मोहिउद्दीन और सरूरी पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं और मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। लेकिन जब गुलाम नबी आज़ाद ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी’ बनाई थी तब ये दोनों नेता भी उनके साथ चले गए थे। अब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले इनकी घर वापसी से कांग्रेस को बड़ा नैतिक और सियासी फायदा मिल सकता है खासकर दक्षिण कश्मीर में।
ये दो नेता हुए पार्टी में शामिल
श्रीनगर में हुए इस शामिल होने के कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सैयद नासिर हुसैन, जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा, और वरिष्ठ नेता गुलाम अहमद मीर भी मौजूद थे। तारिक हामिद कर्रा ने इस मौके पर कहा कि इन दोनों नेताओं के दोबारा पार्टी में आने से कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी और संगठन का ढांचा और ताकतवर बनेगा। हामिद कर्रा ने यह भी खुलासा किया कि इन दोनों नेताओं ने अगस्त 2024 में ही कांग्रेस में फिर से लौटने की इच्छा जताई थी लेकिन राहुल गांधी और अन्य केंद्रीय नेताओं ने स्थानीय नेतृत्व से कहा था कि सही समय का इंतजार किया जाए। अब जब यह समय आया है तो कांग्रेस ने इनकी वापसी को स्वीकार कर लिया है।
इस वापसी को कांग्रेस के लिए एक तरह से जीत माना जा रहा है क्योंकि यह सिर्फ दो नेताओं की नहीं बल्कि एक पूरे गुट की वापसी मानी जा रही है। कांग्रेस का दावा है कि अभी भी कई ऐसे नेता और कार्यकर्ता हैं जो कभी पार्टी छोड़कर गए थे, लेकिन अब फिर से संपर्क में हैं और जल्द ही कई और नाम भी वापसी कर सकते हैं। ताज मोहिउद्दीन और सरूरी ने भी स्वीकार किया कि कांग्रेस छोड़ना उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक गलती थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह कदम भावनाओं में बहकर उठाया था और अब उन्हें अपनी गलती का एहसास है। दोनों नेताओं ने माफी मांगते हुए कहा कि वे अब पूरी निष्ठा के साथ कांग्रेस के लिए काम करेंगे और 2024 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे।