Nepal News: नेपाल में फिर उठी राजशाही की मांग, RPP का जोरदार प्रदर्शन, 'गणतंत्र मुर्दाबाद' के लगे नारे
Nepal News: नेपाल की सड़कों पर आज रविवार को फिर से राजशाही की बहाली और देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग जोर पकड़ती नजर आई l
Nepal News: नेपाल की सड़कों पर आज रविवार को फिर से राजशाही की बहाली और देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग जोर पकड़ती नजर आई l राजधानी काठमांडू में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेतृत्व में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया। ‘गणतंत्र मुर्दाबाद’, ‘हमें राजशाही चाहिए’, और ‘नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित करो’ जैसे नारों से माहौल गरमा गया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास और संसद भवन तक मार्च किया और प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुसने की भी कोशिश की।
काठमांडू बना विरोध का गढ़
काठमांडू के बिजुलीबाजार और बनेश्वर इलाकों में प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हुई, जिनमें बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, आम नागरिक और महिला प्रदर्शनकारी भी शामिल थे। हाथों में नारों वाले पोस्टर और झंडे लिए लोग जोर-जोर से नारेबाज़ी कर रहे थे। RPP अध्यक्ष राजेंद्र लिंगदेन, वरिष्ठ नेता पशुपति शमशेर राणा और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक ध्रुव बहादुर प्रधान जैसे कई प्रमुख नेताओं ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
पुलिस तैनाती और सुरक्षा घेरा
प्रदर्शन के मद्देनज़र काठमांडू के नयां बनेश्वर, भद्रकाली, मैतीघर और बालुवाटार इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। दंगा नियंत्रण बलों ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली, लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिस घेराबंदी को तोड़ने की कोशिश करते रहे। पुलिस ने कई बार उन्हें पीछे हटाया, मगर भीड़ की संख्या और जज़्बा देखते हुए स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी रही।
प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा विरोध
प्रदर्शनकारी तीन अलग-अलग दिशाओं से मार्च करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय और संसद भवन तक पहुंच गए। भद्रकाली क्षेत्र में सचिवालय भवन के पास और संसद भवन के सामने प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाज़ी की। इससे राजधानी में ट्रैफिक भी खासा प्रभावित हुआ और कई इलाकों में जाम लग गया।
राजशाही की बहाली की मांग
RPP का कहना है कि मौजूदा गणतंत्र सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है और जनता का भरोसा खो चुकी है। पार्टी अब अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर चुकी है, जिसका मकसद नेपाल में फिर से राजशाही को बहाल करना और देश को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करवाना है।
जानकारी के लिए बता दिया कि जनवरी 2007 में जब नेपाल में अंतरिम संविधान लागू हुआ, तो देश को एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित कर दिया गया था। इससे पहले नेपाल दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र हुआ करता था। अब RPP और उनके समर्थक चाहते हैं कि यह पुराना दर्जा वापस मिले।