पाकिस्तान और चीन को बड़ा झटका: फ्रांस ने भारत को दिए तबाही मचाने वाले दो सिस्टम

Update: 2025-12-24 06:21 GMT

फ्रांस एक बार फिर भारत के लिए बड़ा दोस्त साबित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक-इन-इंडिया' कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए मिनी नवरत्न रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (आईओएल) ने फ्रांसीसी कंपनी सैफरान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के साथ दो हाई-परिशुद्धता वाले युद्धक प्रणालियों के प्रोडक्शन ट्रांसफर के लिए सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे इन सिस्टमों को अब देश में ही बनाया जा सकेगा। 36 राफेल के करार के बाद फ्रांसीसी कंपनी ने भारत से एक और बड़ा करार किया है। यह करार पाकिस्तान और चीन जैसे भारत के दुश्मनों के लिए बड़ा झटका साबित होने जा रहा है।

फ्रांसीसी कंपनी के साथ हुआ करार

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस समझौते के तहत दो अहम युद्धक प्रणालियों को विकसित किया जाएगा। पहला सिस्टम है सिग्मा 30एन डिजिटल रिंग लेजर जाइरो इनर्टियल नेविगेशन सिस्टम।

इन दो सिस्टमों से होगा ये फायदा

सिग्मा 30एन एक डिजिटल इनर्टियल नेविगेशन और पोजिशनिंग सिस्टम है, जो तोपखाने, मिसाइल प्लेटफॉर्म, रडार और वायु रक्षा प्रणालियों के लिए सटीक नेविगेशन प्रदान करता है।

सीएम-3-एमआर एक डायरेक्ट फायरिंग साइट सिस्टम है, जिसका उपयोग तोपखाने और ड्रोन-रोधी प्लेटफॉर्म पर किया जाता है। यह सटीक लाइन-ऑफ-साइट लक्ष्यीकरण को सक्षम बनाता है, जिससे पारंपरिक और असममित युद्ध परिदृश्यों में दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार होता है।

इनर्टियल नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल तोपों, एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइलों और रडारों में किया जाता है। वहीं, दूसरा सिस्टम डायरेक्ट सीएम-3-एमआर फायरिंग साइट है, जिसे तोपों और ड्रोन-रोधी प्रणालियों के लिए डिजाइन किया गया है।

करार का महत्व

रिपोर्ट के अनुसार, इन समझौते पर 22 दिसंबर, 2025 को नई दिल्ली में रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार की उपस्थिति में आईओएल के सीएमडी तुषार त्रिपाठी और सैफरान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के रक्षा वैश्विक व्यापार इकाई के प्रमुख एलेक्जेंडर जिग्लर ने हस्ताक्षर किए।

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