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भारत विरोधी गैंग : जेएनयू में उमर खालिद के निष्कासन, कन्हैया कुमार के जुर्माने की सजा बरकरार

Update: 2018-07-06 09:44 GMT
File Photo

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी के मामले में गठित विश्वविद्यालय की उच्चस्तरीय समिति ने प्रशासन के पहले के फैसले पर मुहर लगाते हुए उमर खालिद के निष्कासन और कन्हैया कुमार पर जुर्माने को बरकरार रखा है।

विश्वविद्यालय की उच्चस्तरीय समिति ने विश्वविद्यालय परिसर में देश विरोधी नारेबाजी के मामले में यह फैसला सुनाया है। इससे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी यही फैसला सुनाया था। भारत की संसद पर 13 दिसंबर 2001 में हुए आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्‍मद के आतंकी मोहम्‍मद अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गई थी। अफजल की फांसी के विरोध में उसकी बरसी पर 2016 में विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान वहां देश विरोधी नारेबाजी हुई थी।

मामले के संज्ञान में आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्कालीन छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और छात्र नेता उमर खालिद को दोषी पाया था। प्रशासन ने उमर खालिद व दो अन्य छात्रों को निष्काषित करने का फैसला सुनाने के साथ ही कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में देशद्रोही कुकृत्य करने वालों पर सत्य की जीत हुई। भारत में रहकर भारत का विरोध करने वाले, 'भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी, जंग रहेगी' जैसे देशद्रोही नारे लगाने वाले वामपंथी, भारत विरोधी गैंग का घिनौना कृत्य उजागर हुआ है।

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