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प्रधानमंत्री ने लिया बड़ा निर्णय, धारा 370 व 35ए को हटाया, जम्मू-कश्मीर से अलग हुआ लद्दाख

Update: 2019-08-05 08:41 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर पर बहुत बड़ा निर्णय ले लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने संकल्प राज्यसभा में पेश कर दिया है। राज्यसभा में अमित शाह ने राज्य पुनर्गठन विधेयक को पेश भी कर दिया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर और लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाएगा।

अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें। अब लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां विधानसभा नहीं होगी। रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है। दिल्ली केन्द्र शासित प्रदेश की तरह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगी। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया। इनके प्रस्ताव पेश करते ही सदन में विपक्षी नेता हंगामा करना प्रारंभ कर दिया। अमित शाह की इस घोषणा के बाद ही राज्यसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा होने लगा। पीडीपी सांसद इस घोषणा के बाद ही कपड़े फाड़कर बैठ गए और हंगामा करने लग गए। यही नहीं कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके के सांसदों ने भी सरकार की इस घोषणा पर खूब हंगामा मचा दिया। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि भाजपा ने संविधान की हत्या कर दी।

संसद में अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में ये गलत धारणा है कि अनुच्छेद-370 की वजह से कश्मीर भारत के साथ है। अमित शाह ने कहा कि कश्मीर भारत के विलय पत्र की वजह से है जिसपर 1947 में हस्ताक्षर किया गया था। गृह मंत्री ने बताया कि वोट बैंक की वजह से विगत दिनों में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन हमारे पास इच्छा शक्ति है और हम वोट बैंक की परवाह नहीं करते हैं।

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