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ममता बोलीं- मोदी को नहीं मानती प्रधानमंत्री

Update: 2019-05-06 17:36 GMT

कोलकाता । चक्रवाती तूफान फानी के संदर्भ में सोमवार को आयोजित प्रधानमंत्री की बैठक के बहिष्कार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उल्टे उन पर चक्रवात को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। ममता ने कहा कि वह मोदी को प्रधानमंत्री नहीं मानतीं और उनके साथ मंच भी साझा नहीं कर सकती।

ममता ने झाड़ग्राम जिले के गोपीबल्लपुर में चुनावी रैली में कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से रविवार को एक चिट्ठी भेजी गई थी और कलाइकुंडा में जहां प्रधानमंत्री के विमान की लैंडिंग होनी थी वहां चक्रवात को लेकर बैठक के बारे में कहा गया था। मैं इसमें नहीं गई क्योंकि प्रधानमंत्री इस बैठक के लिए नहीं आए थे, बल्कि झाड़ग्राम में उन्हें चुनावी जनसभा करनी थी। उस जनसभा के बहाने मुझसे मिलकर बंगाल के लोगों की सहानुभूति बटोरनी थी। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री आधिकारिक तौर पर बैठक करने के लिए आते तो दूसरी बात होती है। जब वह चुनावी जनसभा के लिए आए हैं और बैठक का बहाना कर रहे हैं तो मैं क्यों जाऊं?

ममता ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में ओडिशा मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के शामिल होने को सही साबित करते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य में चुनाव खत्म होते ही पटनायक मोदी से मिले हैं।

हालांकि, चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रस्तावित बैठक के एक स्पष्ट संदर्भ में, ममता ने कहा कि आप राज्य के अधिकारियों और मुख्यमंत्री को छोड़कर मुख्य सचिव के साथ बैठक का प्रस्ताव कैसे रखते हैं। यह संघीय ढांचे का अपमान है। केन्द्र और राज्य सरकारें जनता द्वारा चुनी जाती हैं। मुख्य सचिव मुख्यमंत्री के अधीन होते हैं, प्रधानमंत्री के अधीन नहीं।

हालांकि ममता के बयान से यह स्पष्ट नहीं हुआ कि उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था या प्रधानमंत्री मुख्य सचिव सहित राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक करना चाहते थे।

उल्लेखनीय है कि झाड़ग्राम में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को बनर्जी पर चक्रवात के संबंध में न तो फोन पर बात करने और ना ही प्रस्तावित बैठक में शामिल होने का आरोप ममता बनर्जी पर लगाया था। उन्होंने कहा कि ममता इतनी अहंकारी हैं कि राज्य के लोगों की भलाई के लिए बैठक में नहीं आतीं।

इस पर ममता ने बांकुड़ा के कोटलपुर में दूसरी सार्वजनिक सभा में कहा कि जब बंगाल में चक्रवात आया था तब मैं खड़गपुर में थी और कोलकाता से बात करने का कोई अवसर नहीं था। मैंने सभी राजनीतिक बैठकों को रद्द कर दिया था और स्थिति की निगरानी कर रही थी। मोदी सरकार से आपदा के संबंध में किसी भी तरह की कोई मदद नहीं लेने की घोषणा करते हुए ममता ने कहा कि मैंने व्यक्तिगत रूप से पूरी रिपोर्ट दी, लेकिन आपने एक पैसा नहीं दिया। आज, हमें भीख मांगने की ज़रूरत नहीं है जो कुछ भी क्षतिग्रस्त हुआ था, हम उसे बहाल करेंगे। उन्होंने कहा कि हाल में आए चक्रवात से लगभग 5,000 घर नष्ट हो गए और 30 हजार घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य सरकार इन सबकी मरम्मत कराएगी।

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