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पीएम केयर्स फंड को आरटीआई से बाहर बताने पर हाईकोर्ट का केंद्र को नोटिस

Update: 2020-06-11 08:43 GMT

दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय के जनसूचना अधिकारी की ओर से पीएम केयर्स फंड से संबंधित दस्तावेज नहीं देने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिेए हुई सुनवाई के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को 28 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

यह याचिका सम्यक गंगवाल ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय के जन सूचना अधिकारी ने पिछले दो जून को पीएम केयर्स फंड से संबंधित जानकारी देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि पीएम केयर्स फंड सूचना के अधिकार कानून की धारा-2(एच) के तहत सार्वजनिक अथॉरिटी नहीं है। याचिकाकर्ता ने पिछले एक मई को आरटीआई कानून के तहत आवेदन कर पीएम केयर्स फंड के ट्रस्ट डीड की प्रति मांगी थी।

याचिकाकर्ता ने उस दस्तावेज या पत्र की प्रति मांगी थी, जिसके तहत पीएम केयर्स फंड गठित किया गया था। इसके साथ पीएम केयर्स फंड के गठन के लिए फैसला लेने वाले सभी दस्तावेज की प्रति मांगी गई थी। याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई की धारा-2(एच) के तहत सार्वजनिक अथॉरिटी है। याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड का गठन सरकार ने किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रेस रिलीज जारी की थी। पीएम केयर्स फंड में दान देने वालों को आयकर कानून और कंपनी कानून के तहत छूट मिलती है।

याचिका में कहा गया था कि पीएम केयर्स फंड के पदेन चेयरमैन प्रधानमंत्री हैं, जबकि रक्षा, गृह और वित्तमंत्री इसके पदेन ट्रस्टी हैं। पदेन चेयरमैन और ट्रस्टी को तीन अतिरिक्त ट्रस्टियों को नियुक्त करने का अधिकार है। फंड के चेयरमैन और ट्रस्टी को ही इसमें आए पैसों को खर्च करने के लिए नियम बनाने का अधिकार है।

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