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प्रधानमंत्री आवास योजना की हेराफेरी पर सरकार सख्त

Update: 2018-08-20 06:36 GMT

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) में घरों की हेराफेरी पर सरकार सख्त हो गई है। इस हेराफेरी को रोकने के लिए घर खरीदने वालों को उसी घर में रहने के लिए लॉक इन पीरियड का शर्त डालने वाली है। इस पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति बन गई है और इसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी। बताया जा रहा है कि स्कीम का फायदा असली लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

हालांकि लॉक-इन पीरियड की अवधि अभी फाइनल नहीं है। इसे 7 साल या उससे कुछ कम करने पर विचार चल रहा है। पहले 7 साल के लॉक इन पीरियड का था प्रस्ताव था। फिर सरकार ने अपने प्रस्ताव को खत्म कर दिया था। अब दोबारा से लॉक इन पीरियड पर विचार किया जा रहा है। सरकार 7 साल से कम लॉक इन पीरियड पर भी विचार कर रही है। फिलहाल पीएमएवाई के तहत 54 लाख घर की मंजूरी मिली है और करीब 8 लाख घर बनकर हैं तैयार हैं।

सूत्रों के अनुसार सरकार को लग रहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का गलत इस्तेमाल हो सकता है। लोग प्रधानमंत्री योजना के तहत मकान लेकर उसे प्रॉपर्टी डीलर्स को बेच सकते हैं। ऐसे में सरकार द्वारा लोन में दी जा रही सब्सिडी बेकार में चली जाएगी। वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारी का कहना है कि सरकार का उद्देश्य है कि जिनके पास अपना मकान नहीं है, उनको मकान मिले। यही कारण है कि वह लोन पर इतनी ज्यादा सब्सिडी दे रही है। अगर इसका दुरुपयोग हुआ तो फिर इस योजना का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। इस दुरुपयोग को रोकने के लिए कोई ठोस नीतिगत कदम उठाने की जरूरत है।

गौरतलब है कि सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों में हाल ही में बदलाव किया था। इस बदलाव के तहत अगर किसी व्यक्ति की सालाना आमदनी 18 लाख रुपए तक है तो अब वह सस्ते घरों की योजना में 21,500 स्क्वेयर फीट तक का घर खरीद सकता है। ऐसे घरों में उसको होम लोन पर ब्याज सब्सिडी के तौर पर 2 लाख 30 हजार की बचत हो सकती है। नए नियमों में सरकार ने मध्य आय वर्ग यानी एमआईजी घरों की कैटिगरी 1 और कैटिगरी 2 के साइज में अच्छी-खासी बढ़ोतरी कर दी है। अब एमआईजी-1 में 160 वर्गमीटर यानी करीब 1722 वर्गफीट और एमआईजी-2 में 200 वर्गमीटर यानी तकरीबन 2153 वर्गफीट के घर प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल कर लिए गए हैं।

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