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कोविड-19 महामारी के बावजूद फ्लिपकार्ट ने अपने कर्मचारियों पर दिखाई दरियादिली, पढ़े पूरी खबर

- न वेतन काटेगी और न ही नौकरी की पेशकश वापस लेगी

Update: 2020-04-04 04:49 GMT

नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने दुनिया भर में तबाही मचा रखी है। अमेरिका, इटली, चीन, ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश बेबस है। लॉकडाउन से कई देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। दुनिया आर्थिक मंदी की ओर बढ़ चुकी है, जिससे करोड़ों लोगों की नौकरी पर खतरा बन गया है। कई कंपिनयां और भारत में कई राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही हैं। ऐसी विकट स्थिति में भी कुछ कंपनियां ऐसी हैं, जो अपने कर्मचारियों के साथ खड़ी हैं। इनमें फ्लिपकार्ट का भी नाम है।

वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि कोविड-19 महामारी के बावजूद वह उनके वेतन में कटौती नहीं करेगी। कंपनी ने कहा कि इस महामारी से उसका कारोबार प्रभावित हुआ है लेकिन उसने जिन भी लोगों को नौकरी की पेशकश की है, उन्हें पूरा करेगी। कंपनी के बृहस्पतिवार को हुए आनलाइन टाउनहॉल में 8,000 से अधिक कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

टाउनहॉल के दौरान फ्लिपकार्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कल्याण कृष्णमूर्ति ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि कंपनी कर्मचारियों, वेंडरों तथा विक्रेता भागीदारों के प्रति प्रतिबद्ध है। सूत्रों ने कहा, कृष्णमूर्ति ने यह भी आश्वासन दिया है कि कंपनी के कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी। इसके अलावा जिनको भी नौकरी की पेशकश की गई है, उसे वापस नहीं लिया जाएगा।

बता दें देश में कोरोना वायरस के नए मामले बढ़कर 2547 हो गए हैं, जबकि इस वायरस की वजह से अबतक 62 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 2547 मामलों में 2322 कोरोना के सक्रिय केस हैं और 162 ऐसे मरीज हैं जिन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वहीं वर्ल्डोमीटर के मुताबिक दुनिया में कोरोना से 1,098,848 लोग संक्रमित हैं, जिनमें 226,106 मरीज ठीक हो चुके हैं। वहीं 58871 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोना वायरस संकट के बीच लॉकडाउन के चलते अमेरिका में मार्च में 7,01,000 रोजगार छिन गए। वहीं बेरोजगारी दर 4.4 प्रतिशत पर पहुंच गई। अमेरिका के श्रम विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में आधिकारिक आंकड़े जारी किए। यह मार्च 2009 के बाद यह सबसे बुरा वक्त है, जब इतने लोगों का रोजगार छिना है। वहीं बेरोजगारों की संख्या में 45 साल बाद इतना अधिक उछाल देखा गया है।

वहीं किराने के सामान बेचने वाली ऑनलाइन कंपनी बिगबास्केट देश भर में लागू लॉकडाउन के दौरान लंबित आर्डरों को शीघ्रता से डिलिवर करने के लिये दस हजार लोगों को नौकरी पर रखने वाली है। कंपनी की उपाध्यक्ष (मानव संसाधन) तनुजा तिवारी ने न्यूज एजेंसी भाषा से कहा, ''हम वेयरहाउस तथा डिलिवरी के लिये 10 हजार लोगों को नौकरी पर रखने की सोच रहे हैं। इन लोगों को हमारी उपस्थिति वाले सभी 26 शहरों में नौकरी पर रखा जाएगा।

उन्होंने कहा कि अभी सभी शहरों में दबाव देखा जा रहा है लेकिन टिअर-1 शहरों में यह अधिक है।देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये 25 मार्च से लॉकडाउन लागू होने के बाद ई-वाणिज्य कंपनियों को दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है।हालांकि सरकार ने जरूरी सामानों की डिलिवरी को लॉकडाउन से छूट दी है, लेकिन कंपनियां लगातार दिक्कतों की शिकायत कर रही हैं। कंपनी ने डिलिवरी तेज करने के लिये बृहस्पतिवार को उबर से भी हाथ मिलाया है।

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