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चिदंबरम बोले - वृद्धि दर की चिंता छोड़ सरकार लोगों को बचाने पर लगाए ध्यान

Update: 2020-04-01 10:18 GMT

नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने आर्थिक विकास दर के न्यूनतम स्तर पर रहने की बात कहते हुए केंद्र सरकार से इसे स्वीकार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अब वक्त है कि वृद्धि दर की चिंता छोड़ सरकार देश में व्यापक महामारी झेल रहे लोगों को बचाने पर ध्यान केन्द्रित करे।

कांग्रेस नेता ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, 'पिछले तीन तिमाहियों की वृद्धि दर क्रमश: 5.6, 5.1 और 4.7 प्रतिशत रहने के बाद वित्तीय वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही भी कल समाप्त हुई। इस चौथी तिमाही की वृद्धि भी चार प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। ऐसे में 2019-20 के लिए वार्षिक जीडीपी 4.8 के निराशाजनक स्तर पर ही रहेगी।' चिदंबरम ने कहा कि अब जब तय है कि विकास दर की स्थिति क्या होगी तो फिर इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए। फिलहाल पूरा जोर लोगों की जिंदगियां बचाने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्थिक गिरावट के कारण ही सरकार ने बीते 25 मार्च को बहुत कम वित्तीय पैकेज की घोषणा की और उसके बाद से किसी सहायता का ऐलान नहीं किया गया।

कांग्रेस नेता ने लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर कम करने के सरकार के फैसले की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पीपीएफ और लघु बचत पर ब्याज दर कम करना तकनीकी रूप से सही हो सकता है लेकिन ऐसा करने का समय सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में आय की अनिश्चितता के दौर में लोग अपनी बचत पर मिलने वाले ब्याज राशि पर ही निर्भर हैं। ऐसे में सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर पहले वाले ब्याज दर को ही 30 जून तक बहाल करना चाहिए।

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