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अनुच्छेद 370 हटाने पर इन पार्टियों ने किया विरोध

Update: 2019-08-05 08:26 GMT

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में घटनाक्रम लगातार तेजी से बदल रहा है। जम्मू कश्मीर को लेकर तमाम अटकलें समाप्त हो गई हैं। जम्मू कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा- राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। यानी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश कर दी है।

इसके साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य के पुनर्गठन का भी फैसला किया गया है। वहीं मोदी सरकार ने लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा देते हुए जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया है। इस बीच आतंकवादी हमले की आशंका और नियंत्रण रेखा पर तनातनी बढ़ने के बीच कश्मीर घाटी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षाबलों की तैनाती और बढ़ा दी गई है।

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- मोदी सरकार की ओर से मंगलवार को लोकसभा में धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा।

-जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को कमजोर करने को लेकर राज्यसभा में बवाल हो गया है। कांग्रेस-पीडीपी-टीएमसी, जेडीयू ने इसका विरोध जताया है। लेकिन बीजद, YSR कांग्रेस, बसपा ने राज्यसभा में इस प्रस्ताव का समर्थन कर दिया है।

- अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के संकल्प का बहुजन समाज पार्टी ने राज्यसभा में समर्थन किया।

- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के नाम 7 अगस्त को देश के नाम राष्ट्र को संबोधित करेंगे।

- राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 में बदलाव को मंजूरी दी।

- मोदी सरकार ने लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा देते हुए जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया है।

- गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्य का पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा है।

- राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया, विपक्ष का हंगामा।

- जम्मू-कश्मीर पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान के पहले ही राज्यसभा में हंगामा। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद में कश्मीर में कर्फ़्यू और पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद करने पर सवाल उठाए। आजाद बोले पहले कश्मीर के हालात पर चर्चा हो।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संसद भवन पहुंचे। वहीं आर्मी चीफ बिपिन रावत का जैसलमेर दौरा भी रद्द हो गया है।

- राज्यसभा में आज जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल (संशोधन) को पेश किया जाना है।

- दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह कश्मीर के मसले पर दोनों सदनों में बयान दे सकते हैं। विपक्ष के कई नेताओं की तरफ से लोकसभा और राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया गया है। ऐसे में अमित शाह सरकार की स्थिति साफ कर सकते हैं।

- जम्मू-कश्मीर में तनाव के बीच दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है।

- जम्मू-कश्मीर में हालात तनावपूर्ण है। खबरों के मुताबिक, मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर आज लोकसभा में एक बयान जारी करेगी।

संसद सत्र के बीच प्रधानमंत्री आवास पर होने वाली इस कैबिनेट बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में संभवत: कैबिनेट को जम्मू-कश्मीर से जुड़ी कोई बेहद अहम सूचना दी जाएगी और इसके बाद इस सूचना को सार्वजनिक किया जाएगा।

इससे पहले रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और गृह सचिव के साथ बैठक की। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के अलावा गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख अरविंद कुमार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

बता दे, कश्मीर में 10 हजार और इसके बाद 28 हजार सुरक्षाबल भेजने के सरकार के फैसले के साथ शुरु हुआ। इसके बाद अमरनाथ यात्रा पर गए लोगों को जल्द से जल्द लौटने की एडवाइजरी जारी की गई और यात्रा को रद्द कर दिया गया।

इस बीच उमर अब्दुल्ला, फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे कश्मीरी नेता किसी बड़ी हलचल की आशंका जाहिर करते रहे। अब सोमवार रात को घटनाक्रम और हालात में तेजी से बदलाव आ रहे हैं।

कश्मीर में कई इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को तुरंत बंद कर दिया गया है। स्कूल- कॉलजों को बंद करते हुए सभी परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। जनता की आवाजाही पर रोक लगाने के आदेश के साथ कई नेताओं के हाउस अरेस्ट की खबरें आ रही हैं।

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