छत्तीसगढ़ में दो नन की गिरफ्तारी पर केरल से दिल्ली तक गरमाई राजनीति: नारायणपुर की तीन आदिवासी लड़कियों से साथ दुर्ग रेलवे स्टेशन से हुई गिरफ्तारी…
सीएम साय बोले- कानून अपने हिसाब से काम करेगा
रायपुर। दुर्ग रेलवे स्टेशन से केरल की दो नन की गिरफ्तारी के मामले में तूल पकड़ लिया है। आदिवासी लड़कियों को कनवर्जन के लिए ले जाने का आरोप लगाते हुए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दुर्ग स्टेशन पर उन्हें रोका और पुलिस को सूचना दी थी। अब इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ और केरल से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमा गई है। केरल सरकार ने गिरफ्तारी को गलत बताते हुए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। इधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि इस मामले में अभी जांच जारी है। प्रकरण न्यायालीन है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने बयान जारी कर गिरफ्तारी की निंदा की है।
भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों को टारगेट करने का आरोप
कांग्रेस ने भाजपा शासित राज्यों में अल्प संख्यकों को टारगेट कर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पीएम नरेंद्र मोदी से छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार कैथोलिक ननों को न्याय दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि केवल बजरंग दल के लोगों के दावे पर विश्वास कर ये गिरफ्तारियां की गई हैं। सीएम ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में प्रकरण की निष्पक्षता और पारदर्शिता से जांच करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हिरासत में जाने के बाद दोनों नन अपने रिश्तेदारों तक से बात नहीं कर सकी हैं।
सीरो-मालाबार चर्च सामने आया
दोनों नन की गिरफ्तारी के विरोध में क्रिश्चियन लॉबी भी सक्रिय हो गया है। गिरफ्तार की गई दोनों नन मलयाली हैं और ग्रीन गार्डन्स धार्मिक समुदाय से हैं। इनके नाम हैं सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति। सीरो-मालाबार चर्च इसे अल्पसंख्यकों पर हमला बताया है। चर्चा की तरफ से कहा गया है कि नन तीन व्यस्क महिलाओं के साथ आगरा के फातिमा अस्पताल जा रही थीं, जहां उन्हें नया काम शुरू करना था।
कांग्रेस ने संसद के बाहर किया प्रदर्शन
इस घटना के विरोध में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और यूडीएफ के सांसदों ने भी इस संदर्भ में संसद में भी चिंता की, प्रदर्शन किया। एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर हमलों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है, चाहे वह छत्तीसगढ़ हो, ओडिशा हो या मध्य प्रदेश हो।
बजरंग दल के इशारे पर गलत कार्यवाही
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि ननों के मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ननों के साथ जाने वाली महिलाएं रोजी-रोटी के लिए स्वेच्छा से जा रही थी। बिना पूरी पड़ताल के बजरंग दल, भाजपा, आरएसएस के लोगों ने उनके साथ मारपीट की और दबावपूर्वक उनकी गिरफ्तारी करवाई गई। यह भाजपा की सरकार का अतिवादी अलोकतांत्रिक चरित्र है।
“नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग की ट्रेनिंग दिलाने और उसके पश्चात जॉब दिलाने का वादा किया गया था। नारायणपुर के एक व्यक्ति के द्वारा उन्हें दुर्ग स्टेशन पर दो ननों को सुपुर्द किया गया, जिनके द्वारा उन बेटियों को आगरा ले जाया जा रहा था। इसमें प्रलोभन के माध्यम से ह्यूमन ट्रैफिकिंग करके मतांतरण किए जाने की कोशिश की जा रही थी। यह महिलाओं की सुरक्षा से सबंधित गंभीर मामला है। इस मामले में अभी जांच जारी है। प्रकरण न्यायालीन है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है जहां सभी धर्म-समुदाय के लोग सद्भाव से रहते हैं। हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना बेहद दुर्भाग्यजनक है।” - विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन
गांधी परिवार दिल्ली से कैसे आरोपियों को क्लीन चिट दे रहा है?: अमित चिमनानी
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा है कि बच्चियों की तस्करी और कनवर्जन कराने के मामले में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी का विरोध करके कांग्रेस तुष्टीकरण की शर्मनाक राजनीति कर रही है। श्री चिमनानी ने हैरानी जताई कि इस मामले में राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, वेणु गोपाल लगातार चिट्टियां लिख रहे हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज भी अपने बस्तर की बेटियों का पक्ष न लेकर के अपने आलाकमान के निर्देशों का पालन कर जी-हुजूरी कर रहे हैं, श्री चिमनानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की बेटियों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार संकल्पित है। आज यह फिर से प्रमाणित हो गया कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता जरूरत के समय छत्तीसगढ़वासियों के पक्ष में खड़े नहीं होंगे और वह अपने आकाओं की ही बात मानेंगे। श्री चिमनानी ने कहा मानव तस्करी जैसे गंभीर मामले में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी कैसे दिल्ली से बैठकर आरोपियों को क्लीन चिट दे रहे हैं? क्या अब गांधी परिवार न्यायालय का भी काम करने लगा हैं? उन्हें कैसे पता जो आरोपी हैं वह निर्दोष हैं?