छत्तीसगढ़ में मिशनरियों के निशाने पर हिन्दू परिवार के बच्चे: धर्मांतरण के लिए हर जिले में इलाज के नाम पर चलाई जा रही है चंगाई सभाएं…

Update: 2025-05-26 07:08 GMT

आदित्य त्रिपाठी, रायपुर। प्रदेश में धर्मांतरण का खेल जारी है। अब बात केवल चंगाई सभा और ब्रेनवॉश तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि हिन्दू युवकों और युवतियों को जबरन बंधक बनाकर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित कर ईसाई बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। यदि वे ईसाई धर्म स्वीकार कर लें तो ठीक, अन्यथा उनकी निर्मम हत्या तक की जा रही है।

यह बात गरियाबंद जिले के सुरसाबांधा गांव की घटनाएं बयां कर रही है। यहां 18 वर्षीय हिन्दू लड़की की उपचार के नाम पर की गई हत्या की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। उस युवती का कसूर केवल इतना था कि वह हिंदू धर्म छोड़ना नहीं चाहती थी। वह तीन महीनों तक अपने धर्म को बचाने की लड़ाई लड़ती रही, अंतत: शरीर ने जवाब दे दिया और उसकी मृत्यु हो गई।

शिकायत हुई पर राजिम पुलिस ने कार्रवाई नहीं की

मानसिक रूप से बीमार बेटी के इलाज के लिए उसकी मां गरियाबंद के सुरसाबांधा गांव पहुंची थी। वहां ईश्वरी साहू नाम की महिला ने शैतान का डर दिखाकर उन्हें एकांत में रहने और किसी से संपर्क न करने को कहा।

तीन महीने तक मां-बेटी गांव में रहीं, इस दौरान युवती की हालत बिगड़ती गई और उसकी मौत हो गई। बताया गया कि वहां नियमित रूप से चंगाई सभाएं होती थीं। युवती की मां ने स्थानीय लोगों की मदद से मामला उजागर किया और राजिम थाना पहुंचकर शिकायत की, लेकिन पुलिस ने पूरे मामले में तत्काल कार्रवाई नहीं की।

कई युवतियों को ईसाई बनाने का प्रयास

अब इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है कि केवल यही एक लडकी नहीं, बल्कि सुरसाबांधा गांव में बड़ी संख्या में हिन्दू बालिकाओं के साथ झाड़-फूंक और इलाज के नाम पर उन्हें ईसाई बनाने का प्रयास किया गया है।

युवती की मौत के बाद जब एफआईआर दर्ज हुई और पुलिस मौके पर पहुंची, तब जांच में पता चला कि और भी 4 युवतियों का इसी तरह से इलाज किया गया था। पिछले कई वर्षों से ईश्वरी साहू अपने मकान में प्रार्थना के नाम पर इलाज कर रही थी। स्थानीय महिलाओं के अनुसार, वहां नियमित रूप से चंगाई सभाएं होती थीं, जिनमें प्रार्थना और बाइबिल पढ़ाई जाती थी।

कन्वर्जन गतिविधियां सभी जिले में संचालित

छत्तीसगढ़ में कन्वर्जन को लेकर सामने आ रहे मामले केवल गरियाबंद तक सीमित नहीं हैं। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में चंगाई सभा और धर्मांतरण के नाम पर गैरकानूनी गतिविधियों की पुलिस रिपोर्ट सामने आई है, जो राज्य में संगठित धर्मांतरण अभियान की ओर इशारा करती है।

केस 1: कवर्धा में एक सप्ताह पहले स्कूल में जबरन बच्चों का धर्मांतरण कराने के आरोप में होली किंगडम स्कूल के फादर थॉमस को गिरफ्तार किया गया।

केस 2: बिलासपुर में चंगाई सभा के दौरान प्रभु का भय दिखाकर ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण कराने का मामला दर्ज किया गया।

केस 3: बिलासपुर में ही धर्म-परिवर्तन न करने पर एक पत्नी द्वारा पति को बेल्ट से पीट-पीटकर अधमरा कर देने का मामला सामने आया।

केस 4: रायपुर के टाटीबंध क्षेत्र में एक घर के भीतर करीब 100 से अधिक लोगों के कन्वर्जन की खबर पर बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया।

“गरियाबंद में युवती की मौत कोई हादसा नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या है। अगर धर्मांतरण रूपी दानव को यहीं नहीं रोका गया, तो न जाने और कितनी जानें इसकी भेंट चढ़ जाएंगी। इस घटना की सभी एंगल से जांच की जा रही है। हर एक पीड़ित बेटी को न्याय जरूर मिलेगा।” - रोहित साहू, विधायक, राजिम

“हिन्दुओं के बच्चों को ईसाई बनाने के लिए सॉफ्ट टारगेट किया जा रहा है। प्रदेश भर में धर्मांतरण का कार्य संचालित किया जा रहा है। धर्मांतरण विरोधी कानून लागू होने के बाद ही रोकथाम होगा। बाकी संगठन की तरफ से लड़ाई तो लड़ी ही जा रही हैं।” - रतन यादव, प्रदेश संयोजक, बजरंग दल

“शहर में धर्मांतरण से जुड़े प्रकरणों की तो रिपोर्ट हो जाती है, लेकिन गांवों और वनांचलों की स्थिति बहुत दयनीय है। झाड़-फूंक और इलाज के नाम पर कम पढ़े-लिखे परिवारों को खुलेआम ईसाई बनाया जा रहा है।” - अमित दीवान, स्वयंसेवक, धर्म जागरण कार्यकर्त्ता

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