छत्तीसगढ़ में माओवाद को तगड़ा झटका, 84 लाख के ईनामी 34 नक्सलियों ने छोड़ा लाल आतंक
Naxalites Surrender: बीजापुर जिले में नक्सली संगठन को तगड़ा झटका लगा हैं। मंगलवार के दिन 7 महिला नक्सली समेत 34 नक्सलियों ने हथियार डाले हैं। इन पर 84 लाख का ईनाम घोषित था।
बीजापुरः छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर में नक्सलवाद की लगातार कमर टूटती जा रही है। सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति, नक्सल विरोधी अभियान और जवानों की लगातार कार्रवाई से नक्सली संगठन खत्म होता जा रहा है। ऐसे ही नक्सली ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। जवानों के सामने 84 लाख के 34 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है। इनमें 7 महिला नक्सली भी शामिल हैं।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने हथियार डालते हुए लाल आतंक छोड़ने का फैसला किया है और मुख्य धारा में शामिल होने की इच्छा जताई है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 27 पुरुष कैडर और 7 महिला कैडर नक्सली शामिल हैं। हिंसक विचारधारा को छोड़ते हुए शांति और प्रगति के रास्ते को अपनाया है।
टॉप कमांडरों ने डाले हथियार
जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया हैं उनमें कई टॉप कमांडर शामिल हैं। सबसे पहले पंडरू पूनेम उर्फ संजू शामिल है। वह DVCM केरलापाल एरिया कमेटी का मेंबर है। सरकार ने उसके सिर पर 8 लाख रुपये का इनाम रखा था। वह कई नक्सली गतिविधियों में शामिल था। इसके साथ ही 8 लाख रुपये की इनामी नक्सली रूकनी हेमला, देवा उईका, रामलाल पोयाम उर्फ रामलू और जाति मुरिया साकिन ने भी सरेंडर कर दिया है।
एसपी ने नक्सलियों से क्या अपील की
बीजापुर एसपी डॉ जितेंद्र कुमार यादव ने माओवादियों से अपील करते हुए कहा कि- 'छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति माओवादियों को आकर्षित कर रही है। पुनर्वास करने वालों के परिजन भी चाहते हैं कि वे सामान्य जीवन जियें और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। उन्होंने आगे कहा कि माओवादी भ्रामक और हिंसक विचारधाराओं को त्यागकर निर्भय होकर समाज की मुख्यधारा में लौटें। शासन की ‘पूना मारगेम’ नीति उनके भविष्य को सुरक्षित, सम्मानजनक और स्वावलंबी बनाने के लिए हर संभव सुविधा प्रदान कर रही है।