महिला डीएसपी विवाद: प्रेम और ब्लैकमेलिंग के आरोपों पर अब तक कोई एफआईआर नहीं?
महिला डीएसपी को लेकर चल रहा विवाद सुलझने के बजाय और उलझता जा रहा है। एक ओर होटल कारोबारी दीपक टंडन और उनकी पत्नी बरखा टंडन द्वारा लगाए गए आरोप सोशल मीडिया में वायरल होकर पूरे मामले को सनसनीखेज बना चुके हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस रिकॉर्ड इन आरोपों को बिल्कुल अलग दिशा में ले जाता दिख रहा है।
केवल आर्थिक विवाद की शिकायतें दर्ज
तथ्य यह है कि अब तक प्रेम संबंध, शादी का दबाव, ब्लैकमेलिंग या करोड़ों की उगाही जैसी किसी भी बात पर डीएसपी को कोई शिकायत नहीं मिली है।
डीजीपी अरुण देव गौतम ने कहा कि हमें कल्पना वर्मा के खिलाफ कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि किसी स्तर पर शिकायत दर्ज होती है, तो जांच निष्पक्ष तरीके से कराई जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर वायरल सामग्री किसी भी आधिकारिक कार्रवाई का आधार नहीं हो सकती।
एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। यही कारण है कि मामला अब मुख्य रूप से आर्थिक विवाद और निजी मतभेद की ओर जाता दिखाई दे रहा है।
कहानी बनाकर फैलाया जा रहा भ्रम
हेमंत वर्मा का आरोप है कि बरखा टंडन ने आर्थिक लेन-देन में धोखाधड़ी की है। उन्होंने सभी दस्तावेजों सहित शिकायत की है। राकेश वर्मा का कहना है कि टंडन परिवार विवाद को दूसरी दिशा में ले जा रहा है, जबकि उनके पास सभी सबूत मौजूद हैं।
दो शिकायतें हैं, दोनों आर्थिक विवाद से जुड़ी
एसएसपी लाल उमेव सिंह ने पूरे घटनाक्रम की तथ्यात्मक स्थिति बताते हुए कहा कि पंडरी और खम्हारडीह थाने में केवल दो शिकायतें दर्ज हैं। दोनों शिकायतों का स्वरूप आर्थिक लेन-देन और विवाद से संबंधित है। इनमें कहीं भी प्रेम संबंध, शादी का दबाव, शारीरिक शोषण या ब्लैकमेलिंग का उल्लेख नहीं है।
पंडरी में डीएसपी कल्पना वर्मा के पिता हेमंत वर्मा ने शिकायत में कहा कि रिश्ता का फायदा उठाकर करोड़ों की रकम लेने की कोशिश की गई। कारोबारी दीपक टंडन ने कल्पना वर्मा पर पैसे, कार और गहनों के लिए पैसे मांगने का आरोप लगाया। लेकिन इन आरोपों में भी धोखाधड़ी, विश्वासघात और मानसिक प्रताड़ना के आरोप अब तक नहीं साबित हुए हैं।
खम्हारडीह थाने में दीपक टंडन की पत्नी बरखा टंडन ने शिकायत की कि हेमंत वर्मा और राकेश वर्मा ने कार रोककर चेक के जरिए पैसे निकालने की कोशिश की। एसएसपी ने साफ कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट किसी जांच की दिशा तय नहीं कर सकते। दस्तावेज और सबूत ही आधार होंगे। एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। इस कारण पुलिस इन दावों को मौखिक आरोप मानती है और कहती है कि बिना लिखित शिकायत के कार्रवाई संभव नहीं है।
फर्जी चैट और पैसा न लौटाने की साजिश
डीएसपी कल्पना वर्मा ने पूरे विवाद को एक सोची-समझी योजना बताया। उनका कहना है कि उनकी तस्वीरों का उपयोग करके फर्जी बैक बनाकर कहानी फैलाई गई। दीपक टंडन ने उधार राशि वापस करने से बचने के लिए गलत दावे किए।
बरखा टंडन का दावा है कि उनकी कार रोकी गई और चेक हस्ताक्षर कराने का दबाव बनाया गया। उन्होंने कहा, "हमने इसका केस दर्ज कराया है। सोशल मीडिया पर हम पर पलटवार करने की कोशिश हो रही है। अब तक सामने आए तथ्य बताते हैं कि मामला कहानी बनाकर फैलाया गया। वायरल वीडियो का उपयोग दबाव बनाने के लिए किया गया। मैं होटल केवल बकाया राशि लेने गई थी। इसे निजी संबंध बताकर कहानी गढ़ी जा रही है। कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही हूं।"
दोनों पक्ष एक-दूसरे पर धमकी, दबाव और ठगी का आरोप लगा रहे हैं। जांच में वायरल वीडियो-चैट की सत्यता, बैंक रिकॉर्ड, होटल विजिट और लेन-देन मुख्य भूमिका निभाएंगे।