दुर्ग में हुआ मॉक ड्रिल: सूर्या मॉल में गिरा बम, आग की लपटों के बीच फंसे सैंकड़ों नागरिक; NCC, पुलिस और रेस्क्यू की टीम ने बचाया
Durg Mock Drill : दुर्ग, स्वदेश। दुर्ग स्थित सूर्या मॉल में बुधवार शाम चार बजे अचानक ही अफरा तफरी मच गई। मॉल में बम गिरने से चारों ओर अफरा तफरी मच गई और जान बचाने लोग इधर-उधर भागने लगे। घबराइए नहीं यह मौका था एक हाई-अलर्ट मॉक ड्रिल का, जिसमें युद्धकालीन आपातकालीन स्थिति का अभ्यास किया गया। इस मॉक ड्रिल में पाकिस्तान एयर फाइटर से सूर्या मॉल में बम गिराया गया, इस दौरान आग की लपटों के बीच सैकड़ो नागरिक फंसे जिसका रेस्क्यू किया गया। मॉक ड्रिल की शुरुआत शाम 4 बजे सेक्टर-6 स्थित पेट्रोल पंप के सामने सायरन बजाकर किया गया। इसके बाद पुलिस अधिकारी, वॉलेंटियर्स और एनसीसी कैडेट्स मुख्य चौक-चौराहों पर लेट गए, ताकि आम लोगों को आपदा के दौरान सही प्रतिक्रिया की जानकारी दी जा सके।
सूर्या मॉल बना सिमुलेशन सेंटर
सूर्या मॉल को मॉक ड्रिल का केंद्र बिंदु बनाया गया, जहां सैकड़ों नागरिक आग और धुएं के बीच फंस गए. जिसके बाद एनसीसी, पुलिस और रेस्क्यू टीमों ने मॉल में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभ्यास शुरू किया। रेस्क्यू के दौरान फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और सुरक्षा बलों का संयुक्त संचालन किया जा रहा है।
ब्लैकआउट मॉकड्रिल का भी किया अभ्यास
भिलाई के सेक्टर-1 और सेक्टर-9 क्षेत्र में शाम 7:30 बजे से 7:45 बजे तक ब्लैकआउट किया गया। केवल भिलाई सेक्टर एवं प्लांट क्षेत्र में रेड अलर्ट सायरन बजने से प्रारंभ कर ऑल क्लियर सायरन बजने तक ब्लैक आउट माकड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान रैड अलर्ट सायरन बजने पर सभी नागरिक अपने घर, दुकान, आफिस, संस्थान आदि की रोशनी को बंद करना होगा। सड़क पर चल रहे वाहन को रैड अलर्ट साइरन बजते ही वाहन को खड़ा कर उसकी हैडलाइट और बैकलाइट को भी बंद रखा गया।
8 प्वाइंट्स में मॉकड्रिल
- हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को बजाया जाएगा।
- हमले के समय नागरिकों को ख़ुद की सुरक्षा के लिए ट्रेनिंग देना।
- ब्लैक आउट मॉकड्रिल के समय उठाए गए कदमों का रिव्यू करना।
- महत्वपूर्ण कारख़ाने और ठिकानों को हमले के वक्त छिपाना।
- आम लोगों से जगह खाली कराना और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना।
- आम नागरिकों की मदद करने वाली टीम, फायर फाइटर्स, रेस्क्यू ऑपरेशन का मैनेजमेंट करना।
- इमरजेंसी में कंट्रोल रूम और सहायक कंट्रोल रूम की वार्निंग का रिव्यू करना।
- एयररेड वार्निंग सिस्टम की अलर्टनेस चेक करना, एयरफोर्स के साथ हॉटलाइन या रेडियो कम्युनिकेशन को जोड़ना।