छत्तीसगढ़ में जिला स्तर तक लागू हुआ ई-ऑफिस: डिजिटल पत्राचार अनिवार्य, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया आदेश
E-office Implemented at District level in Chhattisgarh : रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों को और अधिक पारदर्शी, त्वरित और डिजिटल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब राज्य के सभी जिलों में ई-ऑफिस प्रणाली के तहत कामकाज किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने सभी जिला कलेक्टरों को डिजिटल पत्राचार को अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय के सभी विभागों में पहले से ही ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से कामकाज हो रहा है, और अब यह व्यवस्था जिला स्तर तक विस्तारित की गई है।
ई-ऑफिस के तहत जिला स्तर पर पत्राचार
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश के अनुसार, जिला स्तर के सभी प्रस्ताव, जिन्हें विभागाध्यक्ष या शासन स्तर से अनुमोदन की आवश्यकता होती है, अब ई-ऑफिस के फाइल (FILE) मॉड्यूल के माध्यम से प्रेषित किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, जिला कार्यालयों से विभागाध्यक्ष या शासन स्तर के लिए होने वाले सभी पत्राचार ई-ऑफिस के रसीद (RECEIPT) मॉड्यूल के माध्यम से किए जाएंगे। केवल अर्द्धशासकीय पत्र या वे वैधानिक दस्तावेज, जिनमें मूल प्रति की आवश्यकता होती है, हार्डकॉपी के रूप में भेजे जाएंगे। इस कदम से कागजी कार्रवाई में कमी आएगी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक सुगम होंगी।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ई-ऑफिस के लेटर सेक्शन में फारवर्ड ऑप्शन उपलब्ध नहीं है। इसलिए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी पत्र ई-ऑफिस में डिस्पैच करने के बाद लेटर सेक्शन के माध्यम से न भेजा जाए। यह व्यवस्था पत्राचार में त्रुटियों को कम करने और डिजिटल प्रणाली की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए लागू की गई है।
कलेक्टरों को निर्देश
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को डिजिटल पत्राचार के लिए प्रेरित करें और शासन के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
कलेक्टरों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अपने जिले के कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करें। इस प्रणाली के तहत कार्य करने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
ई-ऑफिस का महत्व
ई-ऑफिस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य कागजी कार्यवाही को कम करना, कार्यकुशलता बढ़ाना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। यह प्रणाली डिजिटल इंडिया पहल का एक हिस्सा है, जिसके तहत सरकारी कार्यों को डिजिटल मंच पर लाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में मंत्रालय स्तर पर इस प्रणाली का सफल कार्यान्वयन हो चुका है, और अब जिला स्तर पर इसका विस्तार प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम है।