नाला पार कर स्कूल जा रहे बच्चे: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बच्चों की सुरक्षा पर जताई चिंता, सरकार से मांगा जवाब
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि भले ही हादसों के लिए राज्य सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार न हो, लेकिन बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। कोर्ट ने जांजगीर-चांपा में तालाब में डूबने से चार बच्चों की मौत और कांकेर में बच्चों के नाला पार कर स्कूल जाने के मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है। इस मामले में मुख्य सचिव को 29 जुलाई तक व्यक्तिगत शपथपत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
जांजगीर-चांपा में तालाब में डूबने से चार बच्चों की मौत
हाईकोर्ट ने मीडिया में प्रकाशित दो खबरों को जनहित याचिका के रूप में लिया है। पहली घटना जांजगीर-चांपा जिले के भैंसतारा गांव की है। 12 जुलाई को स्कूल से लौटने के बाद चार बच्चे अपने स्कूल बैग रखकर खेलने के लिए निकले थे। वे पास के घटोली डबरी तालाब में नहाने गए, जहां गहरे पानी में डूबने से उनकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों को तब जानकारी मिली जब बच्चों के शव पानी की सतह पर आए। इसके बाद ग्रामीणों ने चारों बच्चों के शवों को बाहर निकाला। इस दुखद घटना ने स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है।
कांकेर में जोखिम भरे नाले से स्कूल जाते हैं बच्चे
दूसरी घटना कांकेर जिले के केसलपारा गांव से संबंधित है। यहां के बच्चे रोजाना कमर तक पानी में डूबकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। गांव में केवल प्राइमरी स्कूल है, और मिडिल स्कूल के लिए बच्चों को कनागांव जाना पड़ता है। रास्ते में एक गहरा और खतरनाक नाला आता है, जहां बारिश के मौसम में पानी का बहाव तेज हो जाता है। इस नाले को पार करना बच्चों के लिए जोखिम भरा है। ग्रामीणों ने कई बार नाले पर पुल निर्माण की मांग की, लेकिन प्रशासन ने केवल आश्वासन ही दिए हैं।
हाईकोर्ट का सरकार को सख्त निर्देश
इन दोनों मामलों की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। स्कूलों के आसपास मौजूद तालाब, नाले, पुलिया और अन्य खतरनाक स्थानों को चिह्नित कर तत्काल सुरक्षा उपाय किए जाएं। कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।
मुख्य सचिव से जवाब तलब
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को 29 जुलाई तक व्यक्तिगत शपथपत्र के साथ जवाब देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने उनसे यह स्पष्ट करने को कहा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने में सरकार क्यों नाकाम रही है। साथ ही, इन दोनों मामलों में अब तक की गई कार्रवाइयों की विस्तृत जानकारी भी मांगी गई है।
बच्चों की सुरक्षा के लिए सुझाव
हाईकोर्ट के इस कदम से बच्चों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
स्कूलों के आसपास तालाबों और नालों की बाड़बंदी की जाए।
खतरनाक नालों पर तत्काल पुलों का निर्माण किया जाए।
बच्चों को तैराकी और सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए स्कूलों में विशेष कक्षाएं शुरू की जाएं।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों तक सुरक्षित रास्ते सुनिश्चित किए जाएं।