बीजापुर मुठभेड़ अपडेट: 8 लाख का इनामी नक्सली स्नाइपर ढेर, 18 महीने में 415 हार्डकोर नक्सली खत्म

Update: 2025-07-07 09:17 GMT

Bijapur National Park Naxal Encounter Update : बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई एक भीषण मुठभेड़ में 8 लाख रुपये के इनामी नक्सली डिप्टी कमांडर और स्नाइपर सोढ़ी कन्ना मारा गया। यह मुठभेड़ 4 जुलाई 2025 से शुरू हुए एक सघन नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुई, जिसमें डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), कोबरा (202 और 210 बटालियन) और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम शामिल थी।

जानकारी के मुताबिक, मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन में सोढ़ी कन्ना का शव, एक 303 राइफल और अन्य नक्सली सामग्री बरामद की गई। यह सुरक्षा बलों की एक और बड़ी सफलता है, जो माओवादी नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में निरंतर अभियान चला रहे हैं।

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जितेंद्र यादव ने बताया कि नेशनल पार्क क्षेत्र में माओवादी कैडर की गतिविधियों की खुफिया सूचना मिलने के बाद 4 जुलाई से एक संयुक्त सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। इस अभियान में डीआजी बीजापुर, डीआरजी दंतेवाड़ा, एसटीएफ, कोबरा 202, कोबरा 210, और सीआरपीएफ की यंग प्लाटून शामिल थीं।

ऑपरेशन के दौरान घने जंगलों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया, जिसके जवाब में बलों ने रणनीतिक कार्रवाई की। रुक-रुककर चली इस मुठभेड़ में नक्सली डिप्टी कमांडर सोढ़ी कन्ना मारा गया, जो पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर 1 की कंपनी नंबर 2 का प्रमुख स्नाइपर और सीसीएम माड़वी हिडमा का करीबी सहयोगी था। 

मुठभेड़ स्थल से सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने निम्नलिखित सामग्री बरामद की:

एक .303 राइफल और 5 जिंदा राउंड, एके-47 मैगजीन और 59 जिंदा राउंड।

कोडेक्स वायर, डेटोनेटर, सेफ्टी फ्यूज।

माओवादी वर्दी, नक्सली साहित्य, रेडियो, और दैनिक उपयोग की सामग्री।

नक्सल विरोधी अभियानों को 2025 में और तेज किया 

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2024 में शुरू हुए नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता को 2025 में और तेज किया गया है। पिछले 18 महीनों में 415 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं, जो सुरक्षा बलों की कुशल रणनीति, साहस, और स्थानीय जनसमर्थन का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि मानसून की भारी बारिश और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के बावजूद डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा, सीआरपीएफ, बीएसएफ, और आईटीबीपी जैसे बल लगातार अभियान चला रहे हैं। इस मुठभेड़ ने माओवादी संगठन को एक और बड़ा झटका दिया है, खासकर क्योंकि सोढ़ी कन्ना जैसे प्रमुख नक्सली लीडर कई बड़ी हिंसक घटनाओं में शामिल रहे हैं।

माओवादी नेटवर्क पर प्रभाव

सोढ़ी कन्ना, जो सुकमा जिले के जगरगुंडा थाना क्षेत्र के किस्तारम का निवासी था, माओवादी संगठन में एक कुशल स्नाइपर और डिप्टी कमांडर के रूप में सक्रिय था। उसकी मौत माओवादी संगठन की बटालियन संरचना के लिए एक गंभीर नुकसान है। बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों में नक्सलियों की गतिविधियां पहले से ही कमजोर हो रही हैं और इस तरह की मुठभेड़ें उनके मनोबल को और तोड़ रही हैं। आईजी सुंदरराज ने नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और आत्मसमर्पण करें।

अब तक बस्तर संभाग में 122 नक्सली मारे जा चुके

बीजापुर जिला, जो बस्तर संभाग का हिस्सा है, लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ रहा है। इंद्रावती नेशनल पार्क का घना जंगल और दुर्गम इलाका नक्सलियों के लिए छिपने का प्रमुख ठिकाना रहा है। हालांकि, हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों ने अपनी रणनीति को और मजबूत किया है। 2025 में अब तक बस्तर संभाग में 122 नक्सली मारे जा चुके हैं और कुल मिलाकर राज्य में 138 नक्सलियों को ढेर किया गया है। ये अभियान न केवल नक्सली नेतृत्व को निशाना बना रहे हैं, बल्कि उनके हथियारों और संसाधनों को भी जब्त कर रहे हैं, जिससे उनकी गतिविधियां सीमित हो रही हैं। 


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