क्रिसमस की छुट्टी के बाद खुले बाजार में गुरुवार को निवेशकों का मूड कुछ ठंडा नजर आया। शुरुआती कारोबार में ही शेयर बाजार लाल निशान में चला गया। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में हल्की लेकिन साफ गिरावट दिखी, जिससे बाजार में सतर्कता का माहौल बन गया।
सेंसेक्स-निफ्टी की चाल कैसी रही?
आज यानी 26 दिसंबर को सेंसेक्स 100 अंक से ज्यादा गिरकर 85,250 के आसपास कारोबार करता दिखा। वहीं निफ्टी में भी करीब 30 अंकों की कमजोरी रही और यह 26,100 के स्तर पर बना रहा।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 16 शेयरों में तेजी, जबकि 14 शेयरों में गिरावट देखने को मिली। सेक्टोरल लेवल पर बाजार मिला-जुला नजर आया।
किन सेक्टरों में बिकवाली?
बाजार पर सबसे ज्यादा दबाव मीडिया और बैंकिंग शेयरों में देखने को मिला। कुछ बड़े बैंकिंग स्टॉक्स में मुनाफावसूली हावी रही, जिससे इंडेक्स पर असर पड़ा।
वहीं दूसरी ओर ऑटो, IT और कुछ चुनिंदा बैंकिंग शेयरों में हल्की खरीदारी भी दिखी, जिसने गिरावट को ज्यादा गहराने से रोके रखा।
ग्लोबल मार्केट्स से मिले पॉजिटिव संकेत
घरेलू बाजार में गिरावट के बावजूद वैश्विक बाजारों से अच्छे संकेत मिल रहे थे।
दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.70% चढ़कर 4,137 पर
जापान का निक्केई 0.96% की तेजी के साथ 50,893 पर
चीन का शंघाई कंपोजिट 0.19% ऊपर 3,952 पर कारोबार करता दिखा
हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स आज बंद रहा
अमेरिकी बाजारों का हाल
डाउ जोंस 0.60% की बढ़त के साथ 48,731 पर बंद हुआ
नैस्डेक में 0.22% और
S&P 500 में 0.32% की मजबूती रही
घरेलू निवेशकों ने संभाला बाजार
भले ही विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हों, लेकिन घरेलू निवेशकों का भरोसा बाजार को सहारा दे रहा है।
24 दिसंबर को FIIs ने ₹1,721 करोड़ के शेयर बेचे
वहीं DIIs ने ₹2,381 करोड़ की खरीदारी की
दिसंबर महीने में अब तक (24 तारीख तक)
FIIs कुल ₹23,830 करोड़ के शेयर बेच चुके हैं
जबकि DIIs ने ₹62,284 करोड़ की मजबूत खरीदारी की है
नवंबर में भी यही ट्रेंड रहा था, जहां विदेशी निवेशकों की बिकवाली को घरेलू निवेशकों ने संतुलित किया।
पिछले कारोबारी दिन का हाल
24 दिसंबर को बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली थी।
सेंसेक्स 116 अंक चढ़कर 85,409 पर बंद हुआ था
निफ्टी में 35 अंकों की बढ़त रही और यह 26,142 पर बंद हुआ
आगे क्या ?
विशेषज्ञों का मानना है कि साल के आखिरी हफ्ते में कम वॉल्यूम और मुनाफावसूली के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। हालांकि मजबूत घरेलू निवेश और ग्लोबल संकेत बाजार को बड़ी गिरावट से फिलहाल बचा सकते हैं।