Jagdeep Dhankhar Resign: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, राष्ट्रपति को पत्र लिखकर बताई वजह

Update: 2025-07-21 16:14 GMT

Jagdeep Dhankhar Resign 

नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजकर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को अपनी प्राथमिकता बताते हुए पद छोड़ने का निर्णय लिया है।




धनखड़ ने अपने पत्र में आग्रह किया है कि उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया जाए। उन्होंने इस फैसले के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का उल्लेख किया है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को कहा धन्यवाद

अपने इस्तीफे के पत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति के अटूट समर्थन और कार्यकाल के दौरान बने अद्भुत संबंधों के लिए वह दिल से आभार प्रकट करते हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूरी मंत्रिपरिषद के सहयोग के लिए भी उन्होंने धन्यवाद दिया। धनखड़ ने अपने कार्यकाल को एक मूल्यवान अनुभव बताते हुए लिखा कि इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पहलुओं को नजदीक से समझा और बहुत कुछ सीखा।

जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में सभी माननीय सांसदों का विशेष रूप से धन्यवाद किया। उन्होंने लिखा कि उन्हें संसद सदस्यों से जो विश्वास, स्नेह और गर्मजोशी मिली, वह हमेशा उनकी स्मृतियों में जीवित रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जैसे महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में जो अनुभव और अंतर्दृष्टि उन्हें मिली, उसके लिए वह तहे दिल से आभारी हैं। धनखड़ ने इसे अपने जीवन का एक अमूल्य अध्याय बताया।

अपने इस्तीफे के पत्र में जगदीप धनखड़ ने देश की आर्थिक प्रगति और विकास की सराहना करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण दौर में भारत की उल्लेखनीय आर्थिक उपलब्धियों और अभूतपूर्व घातीय विकास को देखना और उसका हिस्सा बनना उनके लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही है। उन्होंने इसे देश के इतिहास का एक परिवर्तनकारी युग बताया और कहा कि ऐसे समय में राष्ट्र की सेवा करना उनके जीवन का सच्चा सम्मान रहा है।

कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति को दी शुभकामनाएं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा कि वह दुखी हैं, क्योंकि उनके और धनखड़ के बीच लंबे समय से व्यक्तिगत संबंध रहे हैं। सिब्बल ने कहा कि वे एक-दूसरे को 30-40 वर्षों से जानते हैं और कई बार एक-दूसरे के खिलाफ कानूनी मामलों में भी खड़े हुए हैं, लेकिन आपसी सम्मान हमेशा बना रहा। उन्होंने यह भी बताया कि धनखड़ कुछ पारिवारिक समारोहों में शामिल हुए थे और उन्होंने हमेशा सिब्बल को समय दिया, जब भी उन्हें राज्यसभा में बोलने की ज़रूरत होती थी।

धनखड़ की कार्यशैली को बताया सबसे सक्रिय

सिब्बल ने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ जितने प्रो-एक्टिव रहे, उतना अब तक कोई उपराष्ट्रपति नहीं रहा है। उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी और कभी संकोच नहीं किया। सिब्बल ने कहा कि जब कोई सत्ता में होते हुए इस तरह का बड़ा पद छोड़ता है, तो निश्चित रूप से कोई गंभीर वजह होती है। धनखड़ ने अपने पत्र में साफ लिखा है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है, इसलिए मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं।

Tags:    

Similar News