CG Naxal Encounter: अबूझमाड़ के जंगलों बड़ी मुठभेड़ जारी, अब तक 20 से ज्यादा नक्सली ढेर

Update: 2025-05-21 05:43 GMT

Abujhmad Naxal Encounter

20 Naxalites killed in Abujhmad Naxal Encounter : छत्तीसगढ़। अबूझमाड़ के जंगलों जवानों और नक्सलियों के बड़ी मुठभेड़ हो रही है। बताया जा रहा है कि, अब तक जवानों ने बीस से तीस नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जानकारी के अनुसार अबुझमाड़ में सुरक्षाबल जवानों ने नक्सलियों के बड़े कमांडरों को घेर लिया है। बता दें कि नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव की डीआरजी टीम मौके पर मौजूद हैं। 

पुलिस को सूचना मिली थी की अबूझमाड़ के बोटेर में नक्सलियों के पोलित ब्यूरो सदस्य और नक्सल संगठन के महासचिव बसवा राजू मौजूद है। बसवा राजू पर डेढ़ करोड़ का इनामी है। दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव से DRG के जवानों को निकाला गया था।

वहीं सुबह इस इलाके में मुठभेड़ हो गई। बताया जा रहा है कि माड़ के इलाके में सुबह से मुठभेड़ जारी है। मारे गए नक्सलियों में बड़े कैडर के भी नक्सली शामिल हैं। सुरक्षा चारों तरफ से नक्सलियों की घेराबंदी करने में जुटी है। 

गौरतलब है कि, इससे पहले छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर हुई मुठभेड़ को लेकर पुलिस ने पत्रकार वार्ता कर ऑपरेशन की जानकारी साझा की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि, छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर सुरक्षाबलों ने 24 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इनमें 16 महिला और 15 पुरुष नक्सली शामिल हैं। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में साल 2025 में अब तक मुठभेड़ों में 130 नक्सली ढेर हुए हैं। इनमें से 110 से ज्यादा बस्तर संभाग में मारे गए, जिसमें बीजापुर और कांकेर समेत सात जिले शामिल हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से 105 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 2025 में अब तक 164 ने आत्मसमर्पण कर दिया है।

वहीं साल 2024 में 290 नक्सलियों को न्यूट्रलाइज़ किया गया था, 1090 को गिरफ्तार किया गया और 881 ने आत्मसमर्पण किया था। अभी तक कुल 15 शीर्ष नक्सली नेताओं को न्यूट्रलाइज़ किया जा चुका है।

साल 2004 से 2014 के बीच नक्सली हिंसा की कुल 16,463 घटनाएं हुई थीं, जबकि 2014 से 2024 के बीच हिंसक घटनाओं की संख्या 53 प्रतिशत घटकर 7,744 रह गई हैं। इसी प्रकार सुरक्षाबलों की मृत्यु की संख्या 1851 से 73 प्रतिशत घटकर 509 रह गई और नागरिकों की मृत्यु की संख्या 70 प्रतिशत की कमी के साथ 4766 से 1495 रह गई है।

साल 2014 तक कुल 66 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन थे जबकि पिछले 10 साल में इनकी संख्या बढ़कर 612 हो गई है। इसी प्रकार, 2014 में देश में 126 ज़िले नक्सलप्रभावित थे, लेकिन 2024 में सबसे अधिक प्रभावित ज़िलों की संख्या घटकर मात्र 12 रह गई है। बता दें कि, पिछले 5 वर्षों में कुल 302 नए सुरक्षा कैंप और 68 नाइट लैंडिंग हेलीपैड्स बनाए गए हैं। 


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