Bilaspur: कोरोना काल में 70 कैदियों को दी थी पैरोल, अब तक नहीं लौटे, हाई कोर्ट ने जेल DG से मांगा जवाब

Update: 2025-05-06 07:49 GMT

बिलासपुर। कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण रोकने जेल प्रशासन ने अच्छे चाल-चलन वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ दिया था। कोरोना संक्रमण के दौरान कई बार पैरोल की अवधि बढ़ाई गई मगर,अब तक कई कैदी वापस जेल नहीं लौटे हैं। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर सख्ती दिखाते हुए जेल डीजी से जवाब तलब किया है। 

हाईकोर्ट ने पैरोल पर छोड़े गए कैदियों को लेकर हाईकोर्ट ने जेल डीजी से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा था। जेल डीजी द्वारा हाईकोर्ट को जानकारी दी गई के मुताबिक प्रदेश की पांच सेंट्रल जेलों के 83 कैदी पैरोल से नहीं लौटे थे, जिनमें से 10 को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, 3 की मृत्यु हो गई है। अभी भी प्रदेशभर की जेलों से करीब 70 बंदी पैरोल से छूटने के बाद वापस नहीं लौटे हैं। एक बंदी दिसंबर 2002 से गायब हैं। इनमें अधिकतर बंदी हत्या के प्रकरण में जेल में बंद थे।

फरार कैदियों की तलाश जारी

जेल प्रशासन का दावा है कि पुलिस के साथ मिलकर उन्होंने फरार कैदियों की तलाश की लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं चला है। सूचना के अधिकार के तहत रायपुर जेल के वारंट अधिकारी ने 7 बंदियों के पैरोल पर छोड़े जाने के बाद से नहीं लौटने की जानकारी दी है।

जानकारी के मुताबिक, बिलासपुर जेल में 22 बंदी नहीं लौटे हैं। उनके परिजन को बार-बार सूचना देने के बाद भी जब बंदी नहीं लौटे तो जेल प्रबंधन ने उनके खिलाफ संबंधित थानों में केस दर्ज कराया है।

बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान फैलते संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन ने अच्छे आचरण वाले बंदियों को पैरोल पर भेजा था। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान पैरोल की अवधि कई बार बढ़ाई गई थी। छत्तीसगढ़ में कुल पांच सेंट्रल जेल रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर और अंबिकापुर में हैं। इसके अलावा 12 जिला और 16 उपजेल हैं।

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