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सनातन परंपरा और ज्ञान को स्थापित करने वाली है व्यास पूर्णिमा: योगी

सनातन परंपरा और ज्ञान को स्थापित करने वाली है व्यास पूर्णिमा: योगी
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गोरखपुर। भारतीय परंपराओं में श्रेष्ठजनों के प्रति सम्मान व्यक्त के अनेक अवसर आते हैं। महापुरुषों से जुड़ी तिथियों पर समाज सकारात्मक कार्यों के लिए प्रेरित होता है। इस प्रेरणा से नवजीवन के लिए प्रेरित होता है। व्यास पर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा भी एक ऐसा ही महत्वपूर्ण पर्व है। इसे महर्षि व्यास को आदि गुरु का महत्व देने के रूप में भी जानते हैं। भारत की सनातन परंपरा, वेदों, पुराणों और धार्मिक व्यवस्था को एक नई दिशा देने वाले के रूप में स्थापित महर्षि व्यास के प्रति अगाध श्रद्धा अर्पित करने का यह अवसर है। महर्षि व्यास ने समाज को इन्हीं ज्ञान कर माध्यम से समाज को दिशा दिया है। यह पर्व अपने श्रेष्ठजनों के प्रति सम्मान और श्रद्धा अर्पित करने का मौका भी है।

उन्होंने कहा कि यह अवसर हर भारतीय को आज मिला है। इसका सभी को आदर करना चाहिए। महर्षि व्यास के ज्ञान को अपना कर हम अपने कार्यों में सच्चाई, ईमानदारी और नैतिकता के साथ स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत की कल्पना को साकार कर सकते हैं। हम अपने इन्हीं कार्यों के बलनपर भारतीय परंपराओं और मान्यताओं को नया आयाम देने का कार्य कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्देवो, महेश्वरः की परिकल्पना को साकार करने का यह अवसर समाज को पुनः नई दिशा देने में सक्षम है। हर नौजवान, शिक्षार्थी, प्रबुद्ध वर्ग और ग्रामीण परिवेश में जीने वाले लोगों के लिए भी अपरिहार्य है।

Updated : 27 July 2018 6:16 PM GMT
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स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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