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खगोल विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया भर में सुनील चंद्रा ने बढ़ाया अंबेडकरनगर का मान

डा. सुनील चन्द्रा वर्तमान में नार्थ वेस्ट विश्वविद्यालय दक्षिण अफ्रीका में असिस्टेंट प्रोफेसर व प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक हैं। उनके साथ दक्षिण भारतीय वैज्ञानिक वी रामाकृष्णन और पंजाब से अमनप्रीत कौर का महत्वपूर्ण योगदान है।

खगोल विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया भर में सुनील चंद्रा ने बढ़ाया अंबेडकरनगर का मान
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अम्बेडकरनगर (घनश्याम भारतीय): जनपद का मान बढ़ाने वाली खबर यह है कि इवेंट होराइजन टेलीस्कोप मल्टीवेवलेंथ साइंस वर्किंग ग्रुप एवं नासा अमेरिका के संयुक्त अभियान में खगोल विज्ञान के क्षेत्र में बुधवार को साझा की गई महत्वपूर्ण खोज में शामिल 32 देशों की 200 संस्थाओं के 760 वैज्ञानिकों में एक नाम अंबेडकरनगर जिले से भी जुड़ा है। ये हैं एस्ट्रोफिजिसिस्ट डा. सुनील चंद्रा। डा. सुनील चन्द्रा वर्तमान में नार्थ वेस्ट विश्वविद्यालय दक्षिण अफ्रीका में असिस्टेंट प्रोफेसर व प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक हैं। उनके साथ दक्षिण भारतीय वैज्ञानिक वी रामाकृष्णन और पंजाब से अमनप्रीत कौर का महत्वपूर्ण योगदान है।



वैज्ञानिक सुनील चन्द्रा ने आनलाइन आयोजन में बताया कि अप्रैल 2019 में, वैज्ञानिकों ने ईवेंट होरिजन टेलीस्कोप का उपयोग करके आकाशगंगा एम 87 में एक ब्लैक होल की पहली छवि जारी किया था। हालाँकि, यह उल्लेखनीय उपलब्धि एक अनोखी वैज्ञानिक पहल की शुरुवात थी। आज उन्नीस वेधशालाओं के डेटा से तैयार इस ब्लैक होल और सिस्टम की अद्वितीय अंतर्दृष्टि दर्शातें हैं, और आइंस्टीन के सापेक्षिकता सिद्धांत के परीक्षणों के एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

एक सुपरमैसिव ब्लैक होल का विशाल गुरुत्वाकर्षण खिंचाव एस्ट्रोफिजिकल जेट्स को ऊर्जान्वित करता है। जिसके कणों की गतिज ऊर्जा इतनी होती है की वह विशाल दूरी तक भी लगभग प्रकाश की गति से यात्रा करते हैं। एम 87 के जेट पूरे विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम पर ऊर्जा उत्सर्जन दिखातें हैं। ऊर्जा उत्सर्जन का यह पैटर्न प्रत्येक ब्लैक होल के लिए अलग है। इस पैटर्न की पहचान एवं एक ब्लैक होल के गुणों (उदाहरण के लिए, इसकी स्पिन और ऊर्जा उत्पादन) का अध्ययन इन निकायों के बारें में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है।

बकौल डॉ चंद्रा यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। क्योंकि ये पैटर्न समय के साथ बदलतें रहतें है। दुनिया के कई सबसे शक्तिशाली दूरबीनों के साथ डेटा का समन्वय करके इस परिवर्तनशीलता का अध्ययन किया गया और इस ब्लैक होल के बारे में गूढ़ जानकारियों को खोजा गया। यह किसी भी ब्लैकहोल और उसके जेट्स के ऊपर एक साथ वैद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के इतने बड़े भाग पर सम्मिलिति रूप से किया गया अब तक का सबसे बड़ा अवलोकन संबंधी अभियान है।

यूएसएफ के आनलाइन आयोजन में जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक निरंजन लाल के अलावा डा. सत्य नारायण, पंकज कुमार,नीरज यादव व विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े शिक्षक व विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। सभी ने इस वैज्ञानिक खोज के लिए डा. सुनील चंद्रा को बधाई दिया।

Updated : 14 April 2021 3:10 PM GMT
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Swadesh Lucknow

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