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फर्रुखाबाद : शातिर बदमाश के चंगुल में फंसे 21 मासूम मौत के मुंह से कैसे लौटे, जानें पूरी कहानी

फर्रुखाबाद : शातिर बदमाश के चंगुल में फंसे 21 मासूम मौत के मुंह से कैसे लौटे, जानें पूरी कहानी
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फर्रुखाबाद। जिले के थाना मोहम्मदाबाद क्षेत्र में गुरुवार को दोपहर बाद एक शातिर बदमाश ने अपने घर में 21 मासूमों को बुलाया और उन्हें तहखाने में बंद कर लिया। जानकारी होने पर गांव वालों ने यूपी 112 पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक और सिपाही पर शातिर बदमाश ने बम फेंक दिया जिससे वह दोनों चुटहिल हो गए।

मोहम्मदाबाद थाना के गांव करथिया निवासी सुभाष बाथम ने गुरुवार को दो बजे के बाद तकरीबन 21 बच्चों को अपने घर बुलाया और उन्हें अपने घर के तहखाने में बंद कर लिया। यह जानकारी जब बच्चों के परिजनों को हुई तो उन्होंने मामले की सूचना यूपी 112 पुलिस को दी। यूपी 112 के सिपाही जय वीर सिंह ने प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार को घटना से अवगत कराया। आनन-फानन यूपी 112 के सिपाही जय वीर सिंह और प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार ग्राम करथिया में घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने जब शातिर पर बच्चों को छोड़ देने का दबाव बनाया तो उसने उनके ऊपर बम फेंक कर हमला कर दिया।

इस हमले में प्रभारी निरीक्षक व सिपाही चु​टहिल हो गए। हमले को लेकर घायल प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि शातिर ने बम जैसा कुछ फेंका, जिससे उनके चोटें आई हैं। घटना की सूचना पाकर जिले भर से पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी कर दिया गया। इस बीच बदमाश घर के अंदर से रुक-रुककर पुलिस बल पर फायरिंग कर रहा है।

बच्चे वापस नहीं लौटे तो मासूमों के परिवारवालों ने सुभाष बाथम के घर का रुख किया। यहां जब लोग पहुंचे तो सुभाष ने उन पर फायरिंग कर दी। फिर ग्रामीणों ने आनन-फानन डायल 112 को फोन कर मामले की सूचना दी। पीआरवी से मौके पर दीवान पहुंचा, उसने सुभाष बाथम से बात करने की कोशिश की लेकिन पुलिसकर्मी पर भी शख्स ने हमला कर दिया। दीवान ने आनन-फानन मोहम्मदाबाद कोतवाली के इन्स्पेक्टर राकेश को जानकारी दी। वह भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बात करने की कोशिश की तो सुभाष ने कहा, 'रुको मैं तुम्हें बताता हूं। इसने अंदर से ही विस्फोट कर दिया। यह देख सबके होश फाख्ता हो गए।' इस धमाके में इन्स्पेक्टर और दीवान घायल हो गया।

पुलिस अधिकारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। यहां पर गांव वालों से पता लगाया गया कि कितने बच्चे हैं। पुलिस अधिकारियों को पता चला कि 21 बच्चों को बंधक बनाया गया है। यह स्थिति पुलिस के लिए भी गंभीर बनती जा रही थी। पुलिस ने सुभाष के एक दोस्त को उससे बातचीत करने के लिए भेजा। सुभाष ने अपने दोस्त पर भी गोली चला दी। पुलिस को स्थिति बेकाबू होती नजर आई, जिसके बाद एटीएस की मदद मांगी गई।

एटीएस टीम लखनऊ से फर्रुखाबाद के लिए रवाना हो चुकी थी। फर्रुखाबाद में पुलिस अधिकारी हमलावर बाथम को व्यस्त रखने की कोशिश कर रहे थे ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे। सुभाष ने पुलिसकर्मियों से बिस्किट वगैरह भी मांगे, जो कि उसे उपलब्ध कराया गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आपात बैठक बुलाई। इसमें मुख्य सचिव, डीजीपी, एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर और गृह विभाग के प्रमुख सचिव भी शामिल हुए। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि बच्चों को सुरक्षित छुड़वाया जाए। योगी ने फर्रुखाबाद के अधिकारियों से भी बातचीत की और पुलिस अफसरों को फटकार लगाई।

सुभाष से जब बातचीत की गई तो उसने अपनी पत्नी और एक 2 साल के बच्चे को घर से बाहर भेजा। सुभाष की पत्नी हाथ में एक पत्र लिए थी। सुभाष ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर और टॉइलट जैसी सहूलियतें देने से अधिकारियों ने इनकार कर दिया।

एएसपी त्रिभुवन सिंह कहते हैं, 'रात में लगभग 1 बजे तेज आवाजें आ रही थीं। एटीएस के पहुंचने से पहले ही पुलिस टीम घर के अंदर दाखिल हुई। आक्रोशित ग्रामीणों ने सुभाष बाथम के घर पर पथराव शुरू कर दिया था। पुलिस टीम ने कमरे में पहुंचकर सुभाष बाथम को ढेर कर दिया। इस दौरान सुभाष की पत्नी, जो कि उस पूर्व नियोजित योजना का हिस्सा थी, वह घर से बाहर निकली तो ग्रामीणों ने उसकी पिटाई कर दी। उसने अस्पताल में दम तोड़ दिया।'

Updated : 31 Jan 2020 9:13 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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