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गोरक्षपीठ की परंपरा और यूपी शासन में ''योगी'' की ''शक्तिपूजा''

गोरक्षपीठ की परंपरा और यूपी शासन में योगी की शक्तिपूजा
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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के मुखिया के अलावा देश के प्रमुख धर्मपीठों में शुमार गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। इस पीठ की परम्परा में ही महिला सुरक्षा का भाव समाहित है। शायद यही वह संस्कार योगी आदित्यनाथ में भी है, जिसे वह एक शासक की भूमिका में आने के बाद भी भूले नहीं हैं। चाहे मठ की परम्परा हो या शासन की जिम्मेदारी, दोनों ही भूमिकाओं में वे महिला सम्मान (आराधना) को भूलते नहीं हैं।

सिर्फ आराधना के नहीं बल्कि व्यावहारिक स्तर पर भी महिलाओं के शिक्षा एवं स्वावलंबन में 1932 में गठित महाराणा शिक्षा परिषद वर्तमान में भी महत्वपूर्ण भूमिका में है। इधर, मार्च 2017 में मुख्यमंत्री की बड़ी भूमिका के साथ ही योगी आदित्यनाथ का मातृशक्ति के प्रति दायित्व का फलक भी बड़ा हो गया। वह इस भूमिका को बखूबी निभा भी रहे हैं। विधान मंडल के मौजूदा सत्र में एक दिन सिर्फ महिला जन प्रतिनिधियों के लिए इसका ताजा प्रमाण है।

देश के इतिहास मे दर्ज हुआ 22 सितंबर 2022 22 सितंबर 2022 की तारीख देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से इस दिन उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र का एक दिन सिर्फ महिलाओं के लिए समर्पित रहा। महिला विधायक ही सदन के पीठ की अध्यक्ष थीं। नेता सत्ता पक्ष और नेता प्रतिपक्ष के औपचारिक संबोधन के बाद सिर्फ महिलाओं ने ही सदन में अपनी बात रखी। यहां तक कि योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन की शुरुआत अथर्ववेद के ''यस्य नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:'' (जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं) से शुरू की।

दोनों नवरात्र में पीठ देता है नारी शक्ति का संदेश

सनातन संस्कृति में साल में पड़ने वाले नवरात्र के दोनों पर्व (चैत्र व शारदीय) गोरक्षपीठ के लिए बेहद खास होते हैं। पीठ में मातृशक्ति की पूजा और उसकी महत्ता का जीवंत स्वरूप गोरक्षपीठ में दिखता है। पहले दिन मठ की पहली मंजिल पर कलश स्थापना के साथ ही हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की खास पूजा आकर्षण में रहती है। नवरात्रि के अंतिम दिन होने वाले कन्या पूजन खुद पीठाधीश्वर के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्याओं का पांव पखारते हैं। भोजन कराते हैं और दक्षिणा देकर विदा करते हैं। यह भी महिलाओं के प्रति सम्मान का एक बहुत बड़ा संदेश है।

गोरखनाथ में मातृशक्ति का व्यावहारिक पक्ष

गोरखनाथ में मातृशक्ति का व्यावहारिक पक्ष भी दिखता है। महिलाओं के स्वालंबन एवं सशक्तीकरण के लिहाज से भी पीठ का खासा योगदान है। इसके शैक्षिक प्रकल्प महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद लगभग एक सदी से आधी आबादी के शैक्षिक पुनर्जागरण और आर्थिक स्वावलंबन का पूरे पूर्वांचल में अलख जगा रहा है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शिक्षण संस्थाओं में से कई में बालिकाओं के लिए सह शिक्षा (को-एजुकेशन) की व्यवस्था है। महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज, महाराणा प्रताप महिला पीजी कॉलेज, महाराणा प्रताप टेलरिंग कॉलेज, दिग्विजयनाथ बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय, महाराणा प्रताप मीराबाई महिला छात्रावास, दिग्विजयनाथ महिला छात्रावास, गुरु श्रीगोरक्षनाथ स्कूल ऑफ नर्सिंग, योगिराज बाबा गम्भीरनाथ नि:शुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र जैसे लगभग एक दर्जन संस्थान सिर्फ महिलाओं के लिए ही समर्पित हैं। यहां से निकली हजारों बालिकाएं हर वर्ष अपने जीवन पथ पर ससम्मान आगे बढ़ रही हैं।

एक शासक के रूप में योगी ने महिला सम्मान में उठाए कदम

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी पीठ की परंपरा के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने मातृशक्ति की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वालंबलन के लिए अनेक कार्यों को गति दिया। पहले कार्यकाल से ही दायित्व के अनुसार एक बड़े फलक पर इस भूमिका को पूरी संजीदगी से निभा रहे हैं। आलम यह है इनके द्वारा चलाई गई योजनाओं का दायरा एक बालिका के जन्म से लेकर उसके लालन-पालन, शिक्षा, विवाह, यहां तक कि जीवन पर्यंत तक है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ बालिका के जन्म से उसकी पढ़ाई तक के विभिन्न चरणों में मिलता है। मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के तहत मिलने वाला लाभ भी हर वर्ग की पात्र महिलाओं के लिए ही है। निराश्रित महिला पेंशन भी इसका ताजा उदाहरण है। महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने के लिए ''मिशन शक्ति'' योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। दो साल पहले शारदीय नवरात्र के दौरान बलरामपुर से इसकी शुरूआत खुद में एक बड़ा संदेश थी। योगी के महिला सम्मान में उठाए गए कदमों का सिलसिला यहीं नहीं थमा है। एंटी रोमियो स्क्वाड, पीएसी में महिला बटालियन का गठन, पिंक बूथ, हर थाने पर महिला हेल्प डेस्क, थानों में महिला पुलिस कर्मियों की बीट पर तैनाती, अवंती बाई लोधी, ऊदा देवी एवं झलकारी बाई वीरांगना अवार्ड आदि योजनाएं भी नारी सशक्तिकरण, सुरक्षा और स्वावलंबन का जरिया बनेंगी। लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद चैत्र नवरात्र के दौरान योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नवरात्रि के पहले दिन से ही पुलिस विभाग की ओर से महिला सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान इसी की एक कड़ी थी। बेटियों में सुरक्षा का भाव और मजबूत करने के लिए एंटी रोमियो स्क्वाॅयड को और सक्रिय करने का निर्देश भी सीएम की ओर से दिया गया था।

Updated : 25 Sep 2022 10:17 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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