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आनलाइन फागोत्सव का तीसरा दिन: लोक संस्कृति शोध संस्थान का आयोजन

रविवार को आनलाइन हुए कार्यक्रम में जुड़े लोगों ने काव्य पाठ व गीत संगीत प्रस्तुत कर होली की खुशियों को साझा किया।

आनलाइन फागोत्सव का तीसरा दिन: लोक संस्कृति शोध संस्थान का आयोजन
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लखनऊ: लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा चल रहे फागोत्सव के तीसरे दिन पारम्परिक फाग के वैशिष्ट्य पर चर्चा हुई। बताया गया कि पति-पत्नी के संयोग व वियोग हमारे फाग गीतों में उभरकर सामने आये हैं। होली के बहाने लोक भावनाओं को अभिव्यक्ति का जो अवसर मिला है वह अद्वितीय है। रविवार को आनलाइन हुए कार्यक्रम में जुड़े लोगों ने काव्य पाठ व गीत संगीत प्रस्तुत कर होली की खुशियों को साझा किया।

कार्यक्रम की शुरुआत संगीत विदुषी प्रो. कमला श्रीवास्तव व रीता श्रीवास्तव ने गणपति होली से की। पहली बार किसी आनलाइन कार्यक्रम में सहभागी हुईं आकाशवाणी की ख्यातिलब्ध लोकगायिका विमल पन्त ने पारम्परिक अवधी फाग गीत ये दोऊ राजदुलारे होरी खेलत सरयू के तीर सुनाया। लोक विदुषी डा. विद्याविन्दु सिंह ने पति-पत्नी के मनोभावों का प्रसंग सुनाते हुए सइयां सलाम करत सासु से हम डिग ठाढ़ी केंवाड़ी की सस्वर प्रस्तुति दी। उमा त्रिगुणायत ने नैन छिपाय लये अंगुरिन ते सुनाकर श्रृंगार के विभिन्न मनोभावों को अभिव्यक्ति दी।

प्रो. कमला श्रीवास्तव ने रंगइबे हम चुनरी एही फागुन मा गाया तो प्रतिभागी झूमने लगे। लोकगायिका इन्दू सारस्वत ने कोरोना संकट से फीकी हुई होली की पीड़ा पर आधारित गीत अबकी होली में घर कोई आया ही नहीं, रेखा अग्रवाल ने शीतला माई की जय जय बोलो, रेखा मिश्रा ने होली खेलैं कन्हैया, चित्रा जायसवाल ने प्रकटे हैं राम अयोध्या हो रामा चढ़त चइतवा, प्रोफेसर विनीता सिंह ने वो तो खेलत डोले फाग रे दशरथ को छबीलो, रश्मि उपाध्याय ने मै तो बरजत बरजत हारी, पुणे की सुधा द्विवेदी ने होरी खेलें सिया रघुवीरा जोगीरा सरअरर, रीता पांडेय ने आयो री आज ऋतुराज आज होरी खेलन आयो, संगीता खरे ने सांवरिया आज खेरैं होरी, कंचन श्रीवास्तव ने मोरी चुनर में पड़ गयो दाग री ऐसो चटक रंग डारो, सुरभि सिंह ने मैंने रंग ली आज चुनरिया, सुनीता पांडेय ने वृन्दावन श्याम खेलत होरी, भजन गायक गौरव गुप्ता ने खेलूंगा होरी आज भाभी रानी तेरे अंगना, सरिता अग्रवाल ने खेलें चारु भइया हो रामा, साधना मिश्रा विन्ध्य ने फागुन मा होरी खेलें, रत्ना शुक्ला ने जन्मे अवध रघुराई हो रामा चइत ही मासे, लीला श्रीवास्तव ने जमुना तट श्याम खेलें होरी, निधि निगम ने होरी खेलत सियाराम अवध मा, शारदा पांडेय ने नवल रसिया रंग गलियन मा डालें, मधु श्रीवास्तव ने मत मारो दृगन की चोट रसिया होरी में मोहे लग जाएगी तथा प्रशिक्षु बाल गायिका स्वरा त्रिपाठी ने होरी खेलें रघुवीरा अवध मा सुनाकर वाहवाही बटोरी। उमा मेहरोत्रा ने भी होली के रंग प्रस्तुत किये।

लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि आनलाइन फागोत्सव आगामी आठ अप्रैल तक चलेगा। इसमें उन वरिष्ठ कलाकारों को भी तकनीकि से जोड़ा जा रहा है जो कोरोना काल में सामूहिक आयोजनों से चाहकर भी नहीं जुड़ पा रहे हैं।

Updated : 4 April 2021 4:55 PM GMT
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Swadesh Lucknow

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