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मायावती ने लगाया दलितों को वोट डालने से रोकने का आरोप

ईवीएम की गड़बड़ी रोके आयोग

मायावती ने लगाया दलितों को वोट डालने से रोकने का आरोप
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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आठ लोकसभा क्षेत्र में हुये मतदान के दौरान ईवीएम मशीनों में फिर एक बार भाजपा के पक्ष में आई गड़बड़ी को अति-गंभीर मुद्दा बताया है। उन्होंने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मांग की है कि वह इन अनियमितताओं का पूरी गंभीरता से संज्ञान लेकर इसका समाधान निकाले ताकि अगले चरणों में लोगों को ऐसी कोई शिकायत नहीं मिले।

मायावती ने आरोप लगाया है कि मतदान के दौरान अनेक जगहों पर पुलिस बल का उपयोग करके खासतौर से दलित समाज के लोगों को पोलिंग बूथ पर पहुंचने से रोका गया। इस प्रकार उच्च स्तर के दबाव में आकर पुलिस द्वारा बल प्रयोग करके वोट न डालने देना यह प्रजातंत्र का गला घोंट कर हत्या करने के ही बराबर है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा संविधान में दलित समाज के लोगों को वोट डालने का बराबर का अधिकार दिया गया है, यह उसे छीने जाने का आपराधिक प्रयास भी है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इस पर अगर इलेक्शन कमीशन कोई सख्त व गम्भीर कदम तुरन्त नहीं उठाता है तो वर्तमान में चल रहे लोक सभा के आमचुनाव का कोई मतलब ही नहीं रह जायेगा और चूंकि बहुजन समाज पार्टी को इलेक्शन कमीशन पर पूरी आस्था व भरोसा है, इसलिये हम उम्मीद करते हैं कि वो इस पर जरूर जल्दी ही सख्त कदम उठायेगा।

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस व प्रशासन द्वारा अपनी ताकत का दुरुपयोग किया जा रहा है तथा अनेक बूथों में ईवीएम में गड़बड़ी पाई गई, जिसका नतीजा था कि बटन तो हाथी का दबाया जा रहा था पर वोट कमल (भाजपा) पर पड़ रहा था।

उन्होंने कहा कि ईवीएम में पाई गयी गड़बड़ी तो इतनी ज्यादा गम्भीर थी कि लगातार एक के बाद एक वोट अर्थात कई वोट जो हाथी चुनाव चिन्ह पर डाले जा रहे थे वो कमल (भाजपा के चुनाव चिन्ह) पर पड़ रहे थे। इस तरह की एक घटना जो मीरापुर विधानसभा की कसौली बूथ नं 16, जो कि बिजनौर लोकसभा क्षेत्र परन्तु जिला मुजफ्फरनगर में आता है, में भी हुई। इस घटना को देश के सभी मीडिया चैनलों ने भी दिखाया है।

मायावती ने कहा कि इस बूथ पर बसपा के सम्बन्धित पोलिंग एजेंट ने अपना स्वयं का वोट हाथी के सामने वाले बटन को दबाकर डाला, तो वोट हाथी की जगह कमल पर पड़ा, जिसके सम्बन्ध में उन्होंने फौरन सम्बन्धित बूथ के अधिकारियों से की। उसी समय वहां मौजूद कई अन्य वोटरों ने भी यही शिकायत की। उन्होंने वोट तो हाथी में डाला था पर वो कमल को जा रहा था। बूथ में मौजूद सरकारी पर्यवेक्षकों से भी यह शिकायत की गई और उन्होंने यह माना की मशीन में गड़बड़ी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ईवीएम में धांधली तथा दलितों को पुलिस व प्रशासन के बल पर रोकना एक बहुत ही गम्भीर कृत्य एवं अपराध है। यह लोकतंत्र की हत्या करने वाला कार्य है और इस बात की आम चर्चा कई दिनों से चल रही थी कि उत्तर प्रदेश जहां भाजपा की सरकार है, वहां पुलिस और जिला प्रशासन को कहा गया है कि पूरे प्रदेश में जहां-जहां अनुसूचित जाति के लोग ज्यादा तादाद में रहते हैं वहां पुलिस बल लगाकर उनको वोट डालने से रोका जाये और इस कार्य को अंजाम देने के लिये डीजीपी कार्यालय को भी सक्रिय किया गया है।

Updated : 12 April 2019 8:17 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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