सोशल मीडिया का सदुपयोग करना प्रधानमंत्री मोदी से सीखें
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान को दो छिपकली भेज दें मोदी
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लखनऊ/स्वदेश वेब डेस्क। वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सोशल मीडिया का सदुपयोग करना सीखना चाहिये। वे अपने सोशल मीडिया खाते से किसी भी प्रकार की नकारात्मकता नहीं फैलाते हैं। उनके संदेश राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाने वाले होते हैं।
रजत शर्मा रविवार को केजीएमयू के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में 'हेमवती नंदन बहुगुणा जन्म शताब्दी वर्ष' के अवसर पर आयोजित 'अन्तर्विश्वविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता' के समापन समारोह पर युवाओं को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, भूतपूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, कैबिनेट मंत्री, उत्तराखंड सुबोध उनियाल आदि मौजूद रहे।
रजत शर्मा ने वाद-विवाद प्रतियोगिता की सराहना करते हुए कहा कि आज यहां नहीं आया होता तो युवाओं के विचारों से वंचित रह जाता। युवा प्रतिभाओं के पास गहराई से अध्ययन है। उन्होंने हेमवती नंदन जी को याद करते हुए कहा कि 25 वर्ष पहले जब 'आप की अदालत' टीवी कार्यक्रम शुरू किया तो उसके तीन वर्ष पहले ही वे गुजर चुके थे और मैं अपने शो में उनको लाने से वंचित रह गया।
रजत ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अपने जीवन में किसी से प्रभावित हुआ तो अटलजी से। उन्होंने मेरे हृदय पर छाप छोड़ी है। उनके जैसा वक्ता 100 वर्ष पहले न कोई था और न अगले 100 वर्षों में होगा। अटलजी ने एकबार कहा था कि 'सीखने की इच्छा है तो सीखिए कि कहां चुप रहना है।'
शर्मा ने चुटकी लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा दो छिपकली पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को भेज देना चाहिये। उन्होंने अपने व्यक्तव्य में कहा कि इमरान खान छिपकली से ही बहुत डरते हैं, इसका जिक्र वे कर चुके हैं। इसलिये पाकिस्तान के खिलाफ किसी अन्य युक्ति की आवश्यकता ही नहीं है। उन्होंने अपने संघर्षों को याद करते हुए कहा कि एक गरीब परिवार से निकलकर आज आप लोगों के सामने जैसा भी हूं, इसके लिये मेरे मित्र बधाई के पात्र हैं। उनके द्वारा दिये गये पैसे से हमने पढ़ाई पूरा की और सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि घर में सोने के लिये बिस्तर, नल और स्नानागार नहीं था। मां और बहन साड़ी का दीवार बनाकर उसके आड़ में स्नान करती थीं। उन्होंने कहा कि गरीबी, अभावों और चुनौतियों से हार नहीं मानना चाहिये।
उन्होंने कहा कि जब आप समर्थ हो जाएं तो जीवन में किसी एक गरीब विद्यार्थी की आर्थिक रूप से मदद जरूर करें, यही राष्ट्र की सेवा होगी और आपके सफलता का प्रमाण होगा।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि प्रत्येक नामदार आदमी जीवन में धक्का खाकर ही आये हैं। सोशल मीडिया के प्रभाव पर बोलते हुए कहा कि किसी भी संसाधन के दुरूपयोग को रोकने के लिये एक रास्ता है-चरित्र निर्माण। उन्होंने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि गलत मार्ग दिखाने वालों को नजरअंदाज करो और एपीजे अब्दुल कलाम को आदर्श बनाओ।
तत्कालीन कैबिनेट मंत्री अम्मार रिजवी ने कहा कि कांग्रेस का दुर्भाग्य उसी समय से शुरू हो गया, जब हेमवती नंदन को हटा दिया गया। प्राइमरी शिक्षा को उच्च शिक्षा से जोड़ना होगा। हेमवंती जी कहा करते थे कि पत्रकारों की कलम तभी रूकेगी, जब उनकी धड़कन रूकेगी।
कार्यक्रम में 'अन्तर्विश्वविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता' में विजेता प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। आगरा के अखिल कुमार चौधरी को प्रथम पुरस्कार 51 हजार, अवध विश्वविद्यालय की वैशाली सिंह को द्वितीय पुरस्कार 31 हजार, यशी सिंह को तृतीय पुरस्कार 21 हजार व अनन्या भट्ट को सांत्वना पुरस्कार 11 हजार से सम्मानित किया गया। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने अंतिम चरण के सभी छह प्रतिभागियों को तीन दिवसीय मसूरी भ्रमण का न्यौता दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागियों का पूरा व्यय उत्तराखंड सरकार वहन करेगी।
कार्यक्रम संयोजक ने बताया कि प्रतियोगिता में 30 विश्वविद्यालयों के 1700 प्रतिभागियों ने भाग लिया था, जिसमें से 60 प्रतिभागी सेमी फाइनल में पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि इन 60 प्रतिभागियों में से छह प्रतिभागी फाइनल राउंड के लिये चयनित हुए थे। कार्यक्रम में जज की भूमिका में प्रथम मुस्लिम महिला आइएएस परवीन तल्लहा, एचसीएल के सीइओ ऋषि कुमार व वरिष्ठ पत्रकार अतुल चन्द्रा रहे। इस दौरान हेमवती नंदन पर सीएमएस द्वारा बनायी गयी लघु फिल्म भी दिखायी गयी, जिसमें उनके राजनीतिक सफर और विद्यार्थी जीवन के पहलुओं को फिल्माया गया है।