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छात्रों ने कहा- कश्मीर में शांति के लिए जरूरी है धारा-370 की समाप्ति

छात्रों ने कहा- कश्मीर में शांति के लिए जरूरी है धारा-370 की समाप्ति
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पूर्वी महानगर द्वारा आयोजित 'संवाद-भविष्य का भारत' कार्यक्रम

आगरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी महानगर द्वारा रविवार को 'संवाद-भविष्य का भारत' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संजय प्लेस स्थित होटल पीएल पैलेस में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक कुमार दुबे ने कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35-ए व अनुच्छेद 370 पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर को एक राज्य का स्वरूप देने में प्राचीन समय के मगध साम्राज्य का योगदान है। उन्होंने कहा कि संघीय संविधान सभा में गोपालस्वामी आयंगर ने धारा 306-ए का प्रारूप पेश किया। यही बाद में धारा 370 बनी। जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को अन्य राज्यों से अलग अधिकार मिले हैं।

वहीं कार्यक्रम में उपस्थित ब्रिगेडियर अशोक गांगुली ने भी सेना के लिए हथियारों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया और अपनी बात रखी। कार्यक्रम में नगर के कई महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने कश्मीरी पर अपनी बात रखी। छात्रों ने कश्मीर से अनुच्छेद 35-ए व अनुच्छेद 370 को पूरी तरह समाप्त करने की एक स्वर से बात कही। छात्रों ने कहा कि कश्मीर में शांति लाने का एकमात्र उपाय यही है कि इस विवादित अनुच्छेद को समाप्त किया जाए।

छात्रों का यह भी कहना था कि भारत के नक्शे में पाक अधिकृत कश्मीर को अलग से दिखाए जाना भी बंद हो।

कार्यक्रम में संघ के आगरा विभाग संघचालक हरीशंकर शर्मा, सह विभाग प्रचारक गोविंद, पश्चिम महानगर प्रचारक नमन, डीजीसी राजेश कुलश्रेष्ठ, प्रांत घोष प्रमुख ललित, प्राचार्य आगरा कॉलेज विनोद कुमार माहेश्वरी, केंद्रीय हिन्दी संस्थान की कुलसचिव प्रो. वीना शर्मा, एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉ. ब्रजेश, महाविद्यालय प्रचारक मार्तंड प्रताप, डॉ. अमी आधार निडर, प्रो. मनोज श्रीवास्तव, विभाग प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी आदि उपस्थित रहे। संचालन आईटी विशेषज्ञ गौरव वाष्र्णेय ने किया।


Updated : 3 March 2019 6:13 PM GMT
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Naveen Savita

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