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देश में मनुष्य निर्माण की अभिनव पद्धति चलाता है संघ : डॉ. हरीश

संघ देश में एक मनुष्य निर्माण की अभिनव पद्धिति चलाता है

संघ शिक्षा वर्ग-प्रथम वर्ग का समापन, स्वयंसेवकों ने किया योगाभ्यास व खेलों का प्रदर्शन

बड़ी संख्या में संघ दर्शन को पहुंचे नगरवासी, ग्रामीण महिलाओं की अच्छी संख्या

आगरा । संघ देश में एक मनुष्य निर्माण की अभिनव पद्धिति चलाता है। संतों ने समाज निर्माण के लिए आंदोलन खड़ा किया और हमारी संस्कृति को बचाए रखा। यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश जी रौतेला का। डॉ. हरीश जी शुक्रवार को आगरा व चंद्रनगर विभाग के संघ शिक्षा वर्ग-प्रथम वर्ष के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। खंदौली स्थित सीवी इंटरनेशन स्कूल में आयोजित समापन समारोह में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए डॉ. हरीश जी ने महात्मा बुद्ध, जगद्गुरू श्री शंकराचार्य, आचार्य शंकर देव, संत रविदास, दक्षिण भारत के संत श्री मधुसूदन सरस्तवती जी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब भी समाज में विकृति उत्पन्न होती है, संत आगे आते हैं और समाज के नवनिर्माण में लग जाते हैं। उन्होंने पुष्टिमार्गीय संत श्री मद् बल्लभाचार्य जी व उनके शिष्य अष्टछाप के कवि कुंभनदास जी का उदाहरण देते कहा कि मुगलकाल में मंदिर जब मंदिर तोड़े जा रहे थे, तब श्री बल्लभाचार्य में घर-घर में मंदिर बनवाए और ब्रज की संस्कृति को पुर्नस्थापित करने का कार्य किया।

स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए डॉ. हरीश जी ने कहा कि डॉ. हेडगेवार जी ने पांच बच्चों के साथ संघ कार्य को प्रारंभ किया, जब कुछ लोग हंसी उड़ाते थे लेकिन, आज संघ का कार्य विशाल वटवृक्ष बन गया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी भी संघ के शिविर को देखने गए और संघ कार्य से प्रभावित हुए। उन्होंने कहा संघ आज न केवल विश्व का सबसे विशाल समाजसेवी संगठन है बल्कि, सबसे अधिक अनुशासित भी। उन्होंने कहा कि जापान के हर स्कूल में योगाभ्यास कराया जाता है। उन्होंने 21 जून को योग दिवस पर सभी से योगाभ्यास करने का आव्हान किया। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री सिद्ध गुफा, योग प्रशिक्षण केंद्र, संवाई के आचार्य डॉ. दासलाल जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि आज समाज के सभी वर्गो को हिन्दू संस्कृति की रक्षार्थ संगठित होने की आवश्यकता है। उन्होंने गीता के प्रसिद्ध श्लोक 'संघे शक्ति कलियुग का उदाहरण देते हुए कहा कि कलियुग में संघ की शक्ति से ही समाज का नवनिर्माण होगा। कार्यक्रम में वर्ग की संपूर्ण जानकारी वर्ग कार्यवाह रामलखन ने दी। मंचासीन अतिथियों में प्रांत संघचालक जगदीश वशिष्ठ व वर्गाधिकारी श्यामकिशोर उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख सतीश समर्थ ने किया व धन्यवाद रमेश चौहान ने दिया।

एक कुर्सी पर बैठे 24 स्वयंसेवक

खेलों के प्रदर्शन के एक कुर्सी पर 24 स्वयंसेवकों ने बैठकर दिखाया। वहीं घोष की मधुर स्वर लहरियों के बीच प्रशिक्षणार्थी स्वयंसेवकों ने सूर्य नमस्कार की विभिन्न मुद्राओं का प्रदर्शन एक साथ कर अनुशासन व कठोर प्रशिक्षण का परिचय भी दिया।

बड़ी संख्या में उपस्थित रहे अतिथिगण

कार्यक्रम में खंदौली वर्ग स्थान पर शहर के प्रबुद्ध नागरिक, शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ, समाजसेवी, चिकित्सकगण व बड़ी संख्या में शहर व आसपास के गांवों की माता-बहिनों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम स्थल पर स्वच्छता बनी रहे। इसके लिए स्वयंसेवकों की एक टोली संघ स्थान पर स्वच्छता गतिविधि में लगी रही।

इनकी रही उपस्थिति

कार्यक्रम में वर्गपालक अंबिका जी, विभाग प्रचारक धर्मेंद्र, जी, सह विभाग प्रचारक प्रमोद, महानगर प्रचारक गोविंद जी, शिकोहाबाद जिला प्रचारक मनोज, रामबाग जिला प्रचारक रविकांत, वर्ग के मुख्य शिक्षक ब्रजेश, प्रांत संपर्क प्रमुख प्रमोद शर्मा, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य सुभाष वोहरा, विशेष संपर्क प्रमुख अशोक कुलश्रेष्ठ, प्रांत शारीरिक प्रमुख प्रदीप, विभाग कार्यवाह पंकज खंडेलवाल, विभाग संघचालक हरीशंकर शर्मा, प्रांत प्रचार प्रमुख केशवदेव शर्मा, प्रांत सह संपर्क प्रमुख प्रमोद चौहान, महानगर कार्यवाह अरविंद, महानगर संघचालक विजय गोयल, संतोष खिरवार, देवेंद्र त्यागी, नागेंद्र, रजनीश त्यागी, अवधेश उपाध्याय, मुकेश चाहर, महानगर सांय प्रचारक नमन, अमित गौड़, महावीर, संतोष, मनोज बघेल, विभाग प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी आदि उपस्थित रहे।

स्वयंसेवकों ने किया योगाभ्यास का प्रदर्शन

वर्ग समापन कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने योगाभ्यास का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। प्रशिक्षणार्थी स्वयंसेवकों ने ध्वज प्रणाम के बाद विभिन्न खेलों, सिंह मुखाकृति, मीनारों का बनाने का प्रदर्शन किया। नियुद्ध के प्रदर्शन का दृश्य तो देखते ही बन रहा था। टैंक से टैंक भिड़ाने का खेल, बिना अस्त-शस्त्र के स्वयं की रक्षा करना आदि अभूतपूर्व प्रदर्शन रहा।



Updated : 16 Jun 2018 3:47 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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