बहुत कुछ किया है 2017 से योगी सरकार ने
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वेब डेस्क। उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का विधानसभा चुनाव 2022 का घोषणा पत्र या लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी होने वाला है। सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर जी के निधन के कारण फिलहाल घोषणा पत्र जारी करने का कार्यक्रम स्थगित हो गया अगली तिथि आने के बाद घोषणा पत्र जारी होगा। उत्सुकता यह है कि इस घोषणापत्र में या होगा? अनुमान लगाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसका विश्लेषण किया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में 24 पन्ने और 10 विषयों वाला जो घोषणा पत्र जारी किया था ,उसमें जो वादे किए थे ,वह कितने पूरे हो पाए। घोषणा पत्र में राम मंदिर निर्माण को लेकर घोषणा की गई थी कि राम मंदिर का निर्माण कराएंगे। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है और निर्माण भी शुरू हो गया है। किसानों की कर्ज माफी को लेकर की घोषणा के बारे में स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के 15 दिन के भीतर ही ऋण माफ करने का आदेश जारी हो गया था और 30000 करोड़ रुपए कर्ज माफी का दावा किया गया था।
घोषणापत्र में 24 घंटे बिजली उपलध कराने को लेकर भी बात की गई थी ।जिसमें प्रयास भी हुए और सफलता भी मिली कुछ क्षेत्रों को 18 घंटे तक उसको इससे भी ज्यादा बिजली मिल रही है। यह सरकार के सार्थक प्रयासों का ही परिणाम कहा जा सकता है। कानून व्यवस्था सुधारने के वादे की बात की जाए तो ,तब और अब में कानून व्यवस्था में जमीन आसमान का अंतर दिखाई देता है। योंकि योगी सरकार में कड़ी कार्रवाई की है ।इसके लिए जनता के बीच उसकी प्रशंसा भी हुई है। हालांकि विपक्ष सरकार की कठोरता को लेकर सवाल खड़े करता रहा है और योगी जी कहते रहे हैं कि इस मामले में कठोरता के अलावा कोई चारा नहीं है। वैसे तो हर एक जीव जंतु भी सुरक्षित है ,परंतु कानून तोडऩे का अधिकार किसी को नहीं दिया जा सकता । 25 मेडिकल कॉलेज बनाने की बात की जाए उार प्रदेश के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का काम तेजी से चल रहा है। अटल बिहारी वाजपई मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित पांच यूनिवर्सिटी के निर्माण का रास्ता साफ हुआ है। वही कॉलेज जाने वाले छात्रों को टेबलेट लैपटॉप और 1त्रक्च डाटा मुत देने की घोषणा को लेकर स्थिति यह है कि सरकार ने यह योजना शुरू की और आचार संहिता लागू होते ही इसे रोकना पड़ा ।लैपटॉप और टेबलेट तो बांटे गए परंतु 1 जीबी डाटा मुत देने की शुरूआत नहीं हो सकी है।
यहां होती आ रही है एक तरफा जीत
गोरखपुर की शहर सीट को छोडक़र शेष आठ विधानसभा सीटों पर देखा जाए तो पिछले कई चुनावों से त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलता आ रहा है। हर बार भाजपा, सपा और बसपा के बीच टकर देखने को मिलती रही है जबकि गोरखपुर शहर से भाजपा एक तरफा विजेता बनती आ रही है।
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