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रवींद्रनाथ की कविताओं का डिजिटल संग्रह हुआ लॉन्च

रवींद्रनाथ की कविताओं का डिजिटल संग्रह हुआ लॉन्च
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कोलकाता। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की सदाबहार 3500 कविताओं का डिजिटल संग्रह लॉन्च कर दिया गया है। पूर्णंदु विकास सरकार नाम के एक चिकित्सक ने इसे पांच सालों तक मेहनत के बाद डिजिटाइज किया है।

उन्होंने रविवार सुबह बताया कि कविताओं के अलावा गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर के 110 गीतों और 103 अंग्रेजी सबटाइटल के साथ संगीत को डिजिटाइज किया गया है। इस संग्रह का नाम है "रविंद्र कविता आर्काइव"। उन्होंने बताया कि इस डिजिटल आर्काइव में गुरुदेव की अति मशहूर कविताओं को अलग से "मोस्ट पॉपुलर पोएम्स" की श्रेणी में रखा गया है। डिजिटाइज संग्रह में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि रविंद्रनाथ टैगोर ने किस कविता को कब, कितनी उम्र में, कहां और किस परिस्थिति में लिखा है। उन्होंने बताया कि पांच सालों तक गहन शोध के बाद मुझे पता चला कि गुरुदेव की करीब 150 कविताएं तो लोगों को बेहद पसंद है लेकिन उसके अलावा कई शानदार कविताएं ऐसी थी जिसके बारे में लोग नहीं जानते थे। इन कविताओं को पढ़ने के बाद पता चला कि जो लोगों के समक्ष मौजूद है उसकी तुलना में यह और अधिक गहन अर्थ समेटे हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि गुरुदेव की कविताओं का डिजिटल संग्रह जारी करने के बाद युवा वर्ग इसे जानने के लिए दिलचस्पी लेगा। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह ही इन कविताओं को विश्वभारती में लांच किया गया है। इस दौरान विश्वभारती विश्वविद्यालय की कुलपति सबुजकलि सेन भी मौजूद थीं। गुरुदेव की कविताएं ना सिर्प पश्चिम बंगाल बल्कि बांग्लादेश में भी बेहद पसंदीदा और मशहूर हैं। इस नए डिजिटल संग्रह के जारी होने के बाद बांग्लादेश की ओर से भी शुभकामनाएं व्यक्त की गई हैं। कोलकाता में बांग्लादेश के उच्चायुक्त तौफीक हसन ने बताया कि पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश की संयुक्त 25 करोड़ आबादी के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इससे युवा पीढ़ी को तो उनके बारे में जानकारी मिलेगी ही, साथ ही बंगाली समुदाय के लोगों को गुरुदेव के कार्यों के बारे में कई नई जानकारियां मिलेंगी।

पश्चिम बंगाल के मशहूर कवि शंख घोष ने भी इसका स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि गुरुदेव की लिखी सभी 52 किताबों में संग्रहित की गई कविताओं को इस डिजिटल लाइब्रेरी में समाहित किया गया है जो एन्ड्रॉएट और मेक मोबाइल स्टोर पर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यह बहुत ही उम्दा कार्य है।

Updated : 2 Sep 2018 8:32 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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